-आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के 102वां उर्स-ए-रजवी 12-14 अक्टूबर तक चलेगा

- उर्स की सभी रस्मे काजी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां कादरी की सरपरस्ती में होंगी

बरेली: आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के 102वां उर्स-ए-रजवी का आगाज 12 अक्टूबर से शुरु होने जा रहा है। उर्स की सभी रस्मे काजी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां कादरी की सरपरस्ती में होंगीं। उर्स के लिए सभी तैयारियों को संडे अंतिम रूप दिया गया। संडे को भी सभी को बैठक कर जिम्मेदारियां दी गई। उर्स ग्राउंड में किसी को भी बगैर पास एंट्री नहीं दी जाएगी। इसके लिए सभी वालंटियर को पास भी जारी किए गए। संडे देर रात अजमेर शरीफ से आया संदल उर्स की पूर्व संध्या पर अदा की जाने वाली रूहानी रस्म बड़ी सादगी से अदा की गई।

उर्स-ए-रजवी के पहले दिन का कार्यक्रम

आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के 102वां उर्स-ए-रजवी का आगाज 12 अक्टूबर से शुरु होने जा रहा है। उर्स की सभी रस्मे काजी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां कादरी की सरपरस्ती में होंगीं। जमात के प्रवक्ता समरान खान ने बताया कल बरोज पीर खानकाह ताजुश्शरिया पर बाद नमाज-ए-फज्र कुरानख्वानी नात-ओ-मनकबत के बाद इब्राहीम रजा खां (जिलानी मिया) का सुबह 07:10 मिंट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। रात को बाद नमाज-ए-इशा नात-ओ-मनकबत व तकरीर उलमा-ए-इकराम के बाद हुज्जातुल इस्लाम हामिद रजा खां (हामिद मियां) का रात को 10:35 मिनट पर कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी।

वालंटियर को दी जिम्मेदारियां

आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेलवी के 102वां उर्स-ए-रजवी का आगाज कल दरगाह ताजुशश्शरिया पर बाद नमाज फजर कुरानख्वानी से हो जाएगा। संडे को बाद नमाज-ए-जोहर जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एंव उर्स प्रभारी सलमान मियां की सरपरस्ती में जमात रजा-ए-मुस्तफा के सभी शाखाओं के सदर व वालंटियर के साथ बैठक कर तीन रोजा उर्स-ए-रजवी की जिम्मेदारियों बाटी गई।

अंतिम दौर में तैयारियां

उर्स की तैयारिया भी अंतिम दौर में चल रही है और व्यवस्थाओं को भी तेजी से दुरस्त किया जा रहा है। वालंटियर की 5-5 लोगो की टीमे बना कर दरगाह आला हजरत/ दरगाह ताजुश्शरिया से मदरसा जामियातुर रजा तक की तीनो दिन और 24 घण्टे के लिए सब को अलग अलग जिम्मेदारिया सौपी गई है। जमात के प्रवक्ता समरान खान ने बताया कि जमात के वालंटियर को निर्देश दिए गए है उर्स पर जिसकी जहा ड्यूटी लगाई गई है वह उस्से बखूबी से निभाए। जैसे दरगाह आला हजरत, दरगाह ताजुश्शरिया, सिटी सब्जी मण्डी, दरगाह दूल्हा मिया मजार मिनी बाईपास, मदरसा जामियातुर रजा, जीरो पॉइंट के अलावा पुलिस-प्रशासन, नगर निगम, स्टेज, साउंड, आदी जगहो पर जमात के वालंटियर दिन रात सेवा में नजर आएगें। वही फरमान हसन खां ने वालंटियर को उर्स-ए-रजवी के परिचय पत्र बांटे। इस बैठक में बानखाना के सदर शाईबूद्दीन रजवी, धंतिया के सदर फैजान खान, अलीगंज के सदर आकिल रजा, खैलम के सदर डॉ। जफर खान व मौलाना अजीमुद्दीन अजहरी, अब्दुल्लाह रजा खां, मोईन खान, मौलाना शम्स रजा, मोईन अख्तर, बख्तियार खां, मौलाना सैफ अली कादरी, गुलाम हुसैन, दन्नी अंसारी आदी मौजूद रहें।

कोरोना खात्मे के लिए मांगी दुआ

अजमेर शरीफ से आया सन्दल उर्स की पूर्व संध्या पर अदा की जाने वाली रूहानी रस्म संडे देर रात बड़ी सादगी के साथ दरगाह शरीफ पर अदा की गयी। रिवायत के मुताबिक हर साल गुस्ल व सन्दल की रस्म अजमेर शरीफ के गद्दीनशीन अदा कराते आये है। इस मर्तबा किन्हीं वजह से अजमेर शरीफ के गद्दीनशीन सय्यद सुल्तान अशरफ बरेली नहीं पहुंच पाए। लेकिन उनका भेजा हुआ सन्दल दरगाह पर दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशींन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) व दरगाह प्रमुख के दामाद सय्यद आसिफ मियां ने पेश किया। गुस्ल व संदल के बाद फूल पेश किए गए । आखिर में मुल्क व मिल्लत की खुशहाली व कोरोना के खात्मे की खुसूसी दुआ मुफ्ती अहसन मियां साहब ने की .इस मौके पर मुफ्ती आकिल रजवी, मुफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती कफील हाशमी, मुफ्ती अनवर अली, मौलाना अख्तर, मौलाना डॉ। एजाज अंजुम, कारी अब्दुर्रहमान, मुफ्ती जमील, मौलाना जाहिद रजा आदि लोग मौजूद रहे।