- देव वंदना के साथ हुई सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत, बिखरे रंग

- देवभूमि के कलाकारों ने मचाई धूम, स्थानीय टीमों ने भी दी परफार्मेस

BAREILLY:

'जै जै हो बदरीनाथ, जै हो केदारा', 'ओ नंदा सुनंदा तू दैण है जये', गीतों से देव वंदना कर 22वां उत्तरायणी मेले की शुभारंभ थर्सडे को रंगयात्रा से हो गया। इस दौरान कलाकारों ने देवभूमि की संस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन कर मन मोह लिया। मंच पर पारंपरिक लोकगीतों और मनमोहक नृत्य ने समा बांध दिया।

पहाड़ की बिखरी छटा

डीएम गौरव दयाल ने अंबेडकर पार्क में हरी झंडी दिखाकर रंगयात्रा को रवाना किया, जो कोतवाली, पटेल चौक, चौकी चौराहा, सर्किट हाउस से बरेली क्लब ग्राउंड पहुंची। चीफ गेस्ट केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने मेले का इनॉग्रेशन किया। इससे पहले गोलू देवता को तिलक लगाया गया। जिसमें मां नंदादेवी के पीछे छोलिया की टीम ने जोश भरा। मशकबीन और रणसिंघा की गगनभेदी तान, लोकगीतों, लोक नृत्यों संग रंगयात्रा मेला स्थल पहुंची। स्कूलों का बैंड, नर्सिग कालेज की छात्राओं का नारी सशक्तिकरण और बेटी बचाओ अवेयरनेस प्रोग्राम, पॉलीथीन बैन करने, स्मार्ट सिटी, स्मार्ट सिटीजन बनने की अपील आकर्षण का केंद्र रहा। शोका समाज और ट्रेडिशनल ड्रेस पिछौड़ा में सजी ग‌र्ल्स ने कुमाऊंनी संस्कृति की छटा बिखेरी।

कल्चरल इवेंट्स का जादू

रंगयात्रा के रंगारंग आगाज और मेला शुभारंभ के बाद मंच पर कई परफार्मेस हुई। टिहरी गढ़वाल की जौनपुर लोक कला केंद्र, गढ़वाल और कुमायुं का लोकनृत्य, लोकगीतों ने धूम मचा दी। झोड़ा, चांचरी, छपेली गीतों ने मन मोह लिया। बागेश्वर की मां पार्वती कला मंच ने कुमाउंनी, गढ़वाली, नेपाली गीतों पर प्रस्तुति दी।

स्टॉल्स पर उमड़ी भीड़

मेले में करीब 140 से अधिक स्टॉल्स लगे हैं। इसमें शहरवासियों के लिए कपड़े, ज्वैलरी और घर की डेकोरेशन का सारा सामान मौजूद है। खाने के विभिन्न आइटम्स की भी भरमार है। यहां कुमाऊं का आचार, सिंगौड़ी, बाल मिठाई, गढ़वाल की दाल और मसालों के स्टॉल सजे हैं। इसके अलावा मेले में जयपुर के चूरन, कोलकाता का काथा वर्क, देहरादून की खादी, चमकौर की सूखी डंाग, रूद्रपुर के मसाले खास हैं। कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, बिष्ट, महासचिव देवेंद्र जोशी, माधवानंद तिवारी, मोहन जोशी, भुवन पांडे, गिरीश पांडे, प्रमोद बिष्ट, अमित पंत, नरेश जोशी, मोहन पांडेय, पूरन चंद्र दानू, प्रकाश चंद्र जोशी समेत समाज के कई लोग मौजूद रहे।