- 4 वर्षो से गांव को नहीं मिल पा रहा है सरकारी योजनाओं का लाभ

- आवेदन, डाक नहीं पहुंच रहे हैं गांव, डीएम ने दिया मदद का आश्वासन

ajeet.pratap@inext.co.in

BAREILLY:

गांव का नाम क्या बदला गांव वाले तमाम सरकारी सुविधाओं से वंचित रहे गए। करीब 5 वर्षो से ग्रामीण गांव का नाम बदलवाने के लिए कलेक्ट्रेट समेत अन्य विभागों के चक्कर लगाकर थक गए लेकिन कोई सुनवाई नहंीं हुई। पिछले दिनों ने जब डीएम ने ट्विटर पर डीएम बरेली के नाम से ट्विटर एकाउंट क्रिएट किया। तो गांव के ही एक युवक ने ट्विटर पर डीएम से गांव का नाम बदलवाने का अनुरोध किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम पंकज यादव ने गांव का नाम जल्द बदलने का आश्वासन दिया है।

रिजेक्ट हो रहे आवेदन

तहसील आंवला, ब्लॉक मझगवां के निवासी जागरूक युवक कामरान रजा ने डीएम से ट्विटर पर मामले की शिकायत की। बताया कि गांव का नाम बिहारीपुर डेहाजागीर है लेकिन करीब 4 वर्ष पहले ऑनलाइन गांव का नाम बिहारीपुर जागीर दर्ज हो गया है। ऐसे में सभी राशनकार्ड बेकार हो गए हैं। खाता और खतौनी नहीं बन पा रहे हैं। पोस्टल ऑर्डर, जॉब एप्लीकेशन, छात्रवृत्ति वैरिफिकेशन, आवास, पेंशन व अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से गांव के करीब 4 सौ लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। कामरान ने डीएम से मदद की गुहार लगाई है।

डीएम का क्विक एक्शन

संबंधित ट्विटर के जरिए की गई शिकायत में कामरान ने बताया है कि लेखपाल जगन को मामले की जानकारी है बावजूद इसके वह आवेदन को रिजेक्ट कर दे रहा है। जबकि एक जिम्मेदारी सरकारी कर्मचारी होने के नाते वह गांव का नाम बदलवाने की पहल कर सकता था। शिकायत पर डीएम ने संबंधित लेखपाल से जवाब तलब किया है। साथ ही, कामरान के अनुरोध को स्वीकार करते हुए जल्द ही गांव का नाम बदलवाने का आश्वासन दिया है। कामरान ने बताया कि डीएम से हुई बात जब ग्रामीणों को बताई तो सबने कामरान की जमकर तारीफ की।

ट्विटर पर युवक ने मामले की जानकारी दी है। किसी भी गांव का नाम अगर बदल गया है तो लोग संबंधित तहसील के जरिए गांव का नाम सही कराने का पत्र एनआईसी को भिजवाए। ताकि नाम ठीक किया जा सके।

पंकज यादव, डीएम