- बीडीए ने साफ कहा जब तक लोग यूजर चार्ज जमा नहीं करेंगे सफाई नहीं होगी

- सीमा से बाहर होने के कारण नगर निगम के हैंडओवर नही है कॉलोनी

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:

एक ओर जहां नगर निगम शहर के अंदर जलभराव और गंदगी से लोगों को निजात नहीं दिला पा रहा है तो वहीं बीडीए बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी में नगर निगम से भी दो कदम आगे है। लगभग 38 साल पहले कॉलोनी बनवाने और मकान बेचने के बाद बीडीए ने कॉलोनी को अनाथ छोड़ दिया है। हम बात कर रहे हैं बदायूं रोड स्थित बीडीए कॉलोनी की। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के कैम्पेन 'स्मार्ट सिटी का नरक लोक' के तहत लोगों की शिकायत पर थर्सडे को आईनेक्स्ट की टीम कॉलोनी पहुंची तो यहां के हालात बद से बदतर दिखाई दिए। वर्ष 1980 में बनकर तैयार हुई इस कॉलोनी में कोई सड़क नहीं है लोगों के घरों के आगे गंदा पानी भरा है। पढि़ए पूरी रिपोर्ट

घर छोड़कर चले गए

बीडीए ने कॉलोनी तो बना दी लेकिन उसके बाद उसका जिम्मा लेना भूल गया। जिसकी वजह से वहां हालत इतने बुरे हैं कि लोग अपना घर छोड़ने तक को मजबूर हैं। पिछले तीन महीनों से कॉलोनी में जो पानी भरा है वह अभी तक निकला ही नही है। अब इस पानी में मच्छर पनपने से बीमारियां भी फैल रही हैं। गंदगी से परेशान कई लोग अपना घर तक छोड़ कर चले गए हैं। वही कुछ लोगों ने बताया कि यदि इस कॉलोनी के यही हाल रहे तो वो ये मकान बीडीए को वापस भी कर देंगे।

फैल रही हैं बीमारियां

कॉलोनी के लोग यहां मकान लेकर बुरी तरह से फस चुके हैं। कॉलोनी में गंदगी की वजह से बीमारियों ने अपना घर बना लिया है। कई लोगों को टायफाइड, मलेरिया, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां भी होने लगी है। लेकिन बीमारियों की रोकथाम के लिए भी अभी तक कोई आगे नहीं आया।

कीचड़ से भरी हैं गलियां

कॉलोनी की एक या दो गलियों के ऐसे हालात नहीं है। जहां कीचड़, जलभराव और गंदगी की समस्या हो। बल्कि सभी गलियां गंदगी से पटी हैं। हालत इतने गंभीर हैं कि बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। यदि स्कूल जाते भी हैं तो कभी प्रॉपर यूनिफॉर्म में नही पहुंच पाते हैं।

वर्जन

एक साल से ऊपर हो चुका है लेकिन कॉलोनी की हालत देखने के लिए कोई नहीं आया है। पानी घरों में न घुसे इसके लिए खुद ही रोड पर मलबा डलवा रहे हैं।

प्रभात, बीडीए कॉलोनी

यहां स्कूल का रन करना मुश्किल है। बच्चों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए मलबा डलवा रहे हैं। पानी भरा होने से बच्चे बीमार हो रहे हैं। कई बच्चों की तो हालत स्कूल में ही खराब हो चुकी है।

सुनीता पॉल, टीचर

घर के बाहर नरक बह रहा है। मच्छर हर समय काटते रहते हैं। न रात को चैन न दिन में। हर समय बदबू आती रहती है। कैसे रह रहे हैं यहां हम ही जानते हैं।

लता सक्सेना, बीडीए कॉलोनी

स्कूल तक नहीं जा मिलता है। टीचर्स बोलते हैं कि प्रॉपर यूनिफार्म में स्कूल आया करो लेकिन इस पानी में जूते मोजे सब गंदे हो जाते हैं।

तनुज, स्टूडेंट

कॉलोनी में पानी भरे महीनों हो गए। जिसकी वजह से हर घर में लोग बीमार पड़े हैं। कई बार शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन कुछ होता ही नही है।

सुशील कुमार, बीडीए कॉलोनी

यहां से लोग घर छोड़-छोड़ कर जा रहे हैं। कोई रुकने को तैयार नही है। कॉलोनी में से कई लोग जा चुके हैं। ऐसा लगता है धीरे, धीरे सभी लोग चले जाएंगे।

राजा

बॉक्स

कॉलोनी में रह रही बीबीए की स्टूडेंट स्वाति शर्मा को पिछले कई दिनों से टायफाइड है। उनका अभी भी इलाज चल रहा है। डॉक्टर ने साफ सफाई में रहने को कहा है, लेकिन स्वाति सिर्फ अपने घर में ही साफ सफाई से रह सकती है। लेकिन उनके घर के बाहर पूरा नरक बह रहा है। स्वाति ने बताया कि उनके घर में कई और लोगों को भी टायफाइड है। कुछ दिन पहले उनकी मम्मी को भी टायफाइड हुआ था।

यह कॉलोनी बीडीए नगर निगम के हैंडओवर नही है। क्योकि उनकी सीमा से बाहर पड़ती है। और जब पैसा आएगा तो कॉलोनी के हालत सुधरेंगे। लोग यूजर्स चार्ज जमा करें तब सफाई होगी। नही तो नहीं होगी।

बीडीए सचिव