-सिर्फ एक ओवरहेड टैंक से 40 हजार की आबादी को पानी की सप्लाई

-एक साल पहले बना नया नलकूप, लेकिन पाइप लाइन से कनेक्टिविटी नहीं

-20 से 26 घंटे बिजली कटौती से पानी की किल्लत, गंदा पानी लेना मजबूरी

BAREILLY: यूं तो नगर निगम ने पानी की सप्लाई का समय सुबह म् बजे तय किया है। लेकिन वार्ड ब्क् बुखारपुरा -जगतपुर में निगम का यह नियम नलों में सुबह 8 बजे से पहले टपकता नहीं दिखाई देता। दिन का आगाज ही पानी की किल्लत से शुरू होता है। ऊपर से बिजली की जबरदस्त कटौती वार्ड में पानी की परेशानी और भी बढ़ा देती है। लेकिन वार्ड की परेशानी सिर्फ पानी की किल्लत की नहीं। गंदे, बदबूदार पानी की सप्लाई का यहां भी बोलबाला है। शिकायतें इलाकाई पार्षद की अगुवाई में इस वार्ड से भी कई बार गई। लेकिन निगम के जलकल विभाग से बिना भेदभाव किए हर वार्ड की तरह जगतपुर वार्ड को भी कोई राहत न दी गई।

सिर्फ एक ओवरहेड टैंक से सप्लाई

वार्ड ब्क् बुखारपुरा-जगतपुर में करीब ब्0 हजार की आबादी है। इतनी बड़ी आबादी की पानी की जरूरत को पूरा करने को वार्ड में सिर्फ ओवरहेड टैंक से पानी की सप्लाई की जा रही। इस टैंक की उम्र भी ख्ख् साल से ज्यादा हो गई है। जिसके चलते टैंक का अंडरग्राउंड वॉटर लेवल बेहद नीचे होने से पानी सप्लाई पहले से कम हो गई है। इस वजह से सुबह शाम पानी की सप्लाई में पानी का फ्लो बेहद कम हो गया है। वहीं जलकल विभाग की ओर से टैंक में लगा मोबाइल जेनरेटर हटा लिए जाने से बिजली कटौती के समय लोगों को इस टैंक से पानी मिलना भी बंद हो गया।

एक साल से 'बेकार' नया नलकूप

वार्ड में पानी की किल्लत को देखते हुए डेढ़ साल पहले यूआईडीएसएएमटी योजना के तहत क्ब् लाख की लागत से नया नलकूप बनाया गया। म् महीने में ही नलकूप बनकर तैयार हो गया। लेकिन इसके बाद से ही इसके 'बेकार' साबित होने की कहानी शुरू हो गई। नए नलकूप के तैयार होने के बावजूद पिछले साल भर से इसे वॉटर सप्लाई की पाइप लाइन से कनेक्ट नहीं किया जा सका। जिसके चलते वार्ड के लोगों को पानी की किल्लत से राहत न मिली। नए नलकूप में सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं। नलकूप केबिन में टेंट-शामियाने वालों का सामान रखा रहता है। साथ ही बाहरी लोगों का आना-रहना लगा रहता है।

आरओ का पानी खरीद रहे लोग

वार्ड में पानी की कमी के बाद सबसे बड़ी समस्या गंदी-बदबूदार वॉटर सप्लाई की है। आए दिन पानी की सप्लाई में गंदगी, बजरी और रेत के साथ पीलापन आता है। बदबू इतनी की पीना तो दूर घर में खाना पकाने में भी इस्तेमाल नहीं किया जाता। वार्ड में ज्यादातर घर कमजोर आय वर्ग के हैं। ऐसे में हर किसी के लिए आरओ या वॉटर प्यूरिफायर लगवाना मुमकिन नहीं। इसलिए ज्यादातर लोग जगतपुर के पनवडि़या एरिया में दो महीने पहले शुरू हुए एक आरओ प्लांट से पीने का पानी खरीद प्यास बुझाते हैं। क्0 से क्भ् रुपए में क्भ् लीटर आरओ का पानी बिकता है। जो लोगों के लिए खरीदना मजबूरी है।

80 फीसदी हैंडपंप खराब

इसे वार्ड की बदनसीबी ही कहें कि यहां के करीब ब्0 हजार लोगों के लिए जलकल की ओर से पानी के ऑप्शनल इंतजाम भी नहीं किए गए। जलकल विभाग ने कुछ दिनों पहले मेयर को शहर में महज ख्00 खराब हैंडपंप होने और इनमें में क्फ्भ् दुरुस्त किए जाने की रिपोर्ट दी। लेकिन वार्ड के पार्षद रुपेन्द्र पटेल जलकल विभाग की रिपोर्ट की असलियत खोलते है। पार्षद के मुताबिक वार्ड में करीब ब्0 हैंडपंप हैं, जिनमें से बमुश्किल 7-8 ही पानी देने लायक स्थिति में है। बाकी के हैंडपंप सूखे व खराब हैं। जलकल विभाग से कंप्लेन की गई तो, खराब हैंडपंप को रिबोर किए जाने की जरूरत बताते हुए बिना सही कराए छोड़ दिया गया।

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वर्जन

वार्ड में साफ पानी की बहुत दिक्क्त है। इसलिए आरओ प्लांट लगाया है। ताकि लोगों के लिए साफ पानी की सप्लाई हो सके। क्0 से क्भ् रुपए में क्भ् लीटर का आरओ पानी देते हैं। बाजार, दुकानों व घरों में पीने व खाना पकाने के लिए लोग पानी लेते हैं। - तोताराम

पानी इतना गंदा आता है कि मजबूरी में आरओ का पानी लेना पड़ता है। खाना पकाने व पीने के लिए आरओ का पानी ही खरीदते है। निगम का पानी तो इतना गंदा व बदबूदार है कि बाथरूम-टॉयलेट के लिए ही बड़ी मुश्किल से इस्तेमाल करते हैं। - मो। अनीस

सुबह पानी समय पर मिलता ही नहीं। बिजली न रहे तो पूरा दिन पानी के लिए तरस जाते हैं। शाम को भी बहुत लेट में सप्लाई होती है। कई बार पानी बेहद गंदा आता है। बच्चों के बीमार पड़ जाने का हमेशा डर सताता है। कोई कंप्लेन नहीं सुनता। - श्री निवास

वार्ड में पानी की किल्लत के साथ ही गंदे पानी की सप्लाई हो रही। निगम से कंप्लेन की लेकिन सुनवाई नहीं होती। लगभग सभी हैंडपंप खराब पड़े है। नया नलकूप साल भर से शुरू नहीं हो सका है। इकलौते ओवरहेड टैंक में मोबाइल जेरनेटर लगवाया था, वो भी जलकल विभाग ने हटा दिया। - रुपेन्द्र पटेल, पार्षद