- वजन दिवस के बाद आंगनबाड़ी केंद्र संचालिकाओं को दिए गए निर्देश

BAREILLY:

जिले में आयोजित वजन दिवस में रिकॉर्ड से करीब 4 गुना ज्यादा कुपोषित बच्चे पाए गए, जिसकी सूचना विभाग की ओर से शासन को भेज दी गई है। वहीं, पूर्व के रिकॉर्ड में गलत डाटा फीड करने का जिम्मेदार आंगनबाड़ी और एएनएम कार्यकत्री को माना गया है। ऐसे में सीडीओ शिव सहाय अवस्थी ने सभी आंगनबाड़ी और एएनएम कार्यकत्रियों को घर-घर पहुंचकर वजन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, हीलाहवाली करने वाली कार्यकत्रियों अथवा केंद्र संचालकों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

देनी होगी हर दिन की डिटेल

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को अपने केंद्र के क्षेत्र के सभी बच्चों का वजन हर पंद्रह दिन के भीतर करना अनिवार्य रखा गया है। बच्चों का वजन केंद्र पर न कराने वाले पेरेंट्स के घर जाकर वजन करना होगा। ताकि किसी भी स्थिति में एक भी बच्चे का वजन होने से न छूटे। इसके अलावा प्रत्येक पंद्रह दिन की रिपोर्ट से जिला कार्यक्रम विभाग एवं खंड जिला कार्यक्रम विभाग अधिकारी को अवगत कराना होगा। अगर किसी बच्चे का वजन अतिकुपोषित की ओर इंगित करता है तो उसे तुरंत पुष्टाहार उपलब्ध कराने समेत पुनर्वास केंद्र पर भर्ती कराने के निर्देश दिए गए हैं।

कहा, पेरेंट्स नहीं कराते वजन

सैटरडे को डीपीओ बुद्धि मिश्रा प्राप्त वजन दिवस की रिपोर्ट के बारे में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से पूछताछ की थी, जिसमें कार्यकत्री ने बताया कि पेरेंट्स बच्चों का वजन करने से मना करते हैं। अतिकुपोषित बच्चों के भी पेरेंट्स को पुनर्वास केंद्र पर भर्ती कराने की सलाह देने पर वह साथ नहीं देते। इसके अलावा खानपान के बारे में भी डिटेल देने पर भी वह सुनते नहीं। जिसकी वजह से बच्चों का वजन करना मुश्किल होता है। ऐसे में डीपीओ ने वजन करने की बजाय बच्चों की बायीं भुजा की माप और हाइट की डिटेल नोट करने के निर्देश दिए हैं।

कार्यकत्री करती हैं अनदेखी

विभागीय सूत्रों के मुताबिक आंगनबाड़ी कार्यकत्री की ओर से बच्चों का वजन करने में हीलाहवाली की जाती है। वेईग मशीनों में जंग लगना इसका पुख्ता सुबूत है। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को ढंग से डाएट भी नहीं दी जाती। इसके अलावा उनसे साफ सफाई व अन्य काम भी कराए जाते हैं। ऐसे में वजन दिवस ने उनकी कारगुजारियों की पोल खोलकर रख दी है। तब उन्होंने पेरेंट्स पर वजन न कराने की जिम्मेदारी सौंप दी है। जबकि अगर, पेरेंट्स वजन कराने से कतराते तो आखिर कैसे जिले के 91 परसेंट बच्चों का वजन हो पाता।

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को घर घर पहुंचकर वजन करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी केंद्र पर लापरवाही की पुष्टि हुई तो संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बुद्धि मिश्रा, डीपीओ