- समाज कल्याण, विकलांग व अन्य विभागों ने नहीं भेजा शासन को डाटा

- डाटा न भेजे जाने की वजह से हजारों पात्र लाभ से हो रहे वंचित

- 30 दिसंबर तक डाटा न भेजने पर शासन स्तर से होगी कार्रवाई

BAREILLY:

जनकल्याणकारी योजनाओं से जनता को लाभान्वित होने में विभाग ही अडं़गा बन रहे हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से जारी इन योजनाओं पर अधिकारी कुंडली मार कर बैठे हैं। इसका खुलासा पिछले दिनों शासन के एक पत्र से हुआ, जिसमें शासन ने विभागों द्वारा पात्र आवेदकों का डाटा न भेजने पर विभागों को जमकर फटकार लगाई है। शासन ने विभागों को 30 दिसंबर तक डाटा सबमिट करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, डाटा सबमिट न करने वाले विभागों के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के भी निर्देश हैं।

हजारों लाभार्थी हैं वंचित

हजारों पात्रों को शासन द्वारा जारी लाभ की एक फूटी कौड़ी तक नहीं मिल सकी है। पिछले माह सीडीओ ने समाज कल्याण विभाग का औचक निरीक्षण किया तो 2 हजार से ज्यादा पात्र लाभार्थियों को लाभ न मिलने की पुष्टि हुई। वहीं, विकलांग विभाग में करीब 6 सौ, अल्पसंख्यक विभाग के 3 हजार, जिला कार्यक्रम विभाग में 8 हजार अतिकुपोषित बच्चों और डीआरडीए के करीब 3 हजार से ज्यादा पात्र लाभार्थियों का जनकल्याणकारी योजना का लाभ मिलने से वंचित रहने पर सीडीओ ने जवाब-तलब किया था। इनमें पारिवारिक लाभ, समाजवादी पेंशन, विधवा पेंशन, विक लांग पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, शादी अनुदान, स्कॉलरशिप, इंदिरा आवास, लोहिया आवास व अन्य योजनाओं के पात्र शामिल हैं।

नहीं देते नई योजना की जानकारी

विभागीय सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर योजनाएं ग्रामीणों के लिए संचालित हैं। सरकार बदलते ही योजनाओं के नाम अथवा बजट की राशि बदल जाती है। जैसे महामाया योजना का समाजवादी पेंशन में, इंदिरा आवासों का कुछ भाग लोहिया में, विधवा पेंशन का पारिवारिक योजना में तब्दील होना। ग्रामीणों को इस पत्राचार के बारे में कोई खबर नहीं होती है। योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए शासन द्वारा जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश दिए जाते हैं। जो ठंडे बस्ते में चला जाता है। ऐसे में नई संचालित की जाने वाली योजनाओं से ग्रामीण रूबरू नहीं हो पाते। तो अक्सर फार्म भरने में उनसे गलतियां हो जाती हैं। जिस पर विभाग गलतियों के फार्म को रिजेक्ट कर देते हैं।

ब्लॉकों पर होती है वसूली

स्क्रूटनी में पास होने वाले पात्रों से ब्लॉकों पर जमकर वसूली होती है। सूत्रों की मानें तो विभाग द्वारा त्रुटिहीन फार्मो के सत्यापन के लिए ब्लॉकों पर भेजा जाता है। सत्यापन के दौरान पात्रों को संबंधित अधिकारी अथवा कर्मचारी फाइल आगे बढ़ाने के नाम पर कमीशन फिट कर लेते हैं। जो उनके फेर में नहीं फंसता उसका फार्म सत्यापित ही नहीं हो पाते हैं। जिसका सुबूत है पारिवारिक लाभ, वृद्धावस्था, समाजवादी पेंशन, विधवा पेंशन योजना में पिछले साल सत्यापन के लिए गई फाइलों का अब तक सत्यापित न होने की पुष्टि होना। बता दें कि इन योजनाओं के ही पात्र अथवा अपात्र विभाग पहुंचकर लाइन में सुबह से शाम तक लगे रहते हैं।

जनकल्याणकारी योजनाओं के पात्रों का डाटा न भेजे जाने पर जवाब-तलब किया गया है। डाटा न भेजने वाले विभागों पर सख्त कार्रवाई होगी।

शिव सहाय अवस्थी, सीडीओ