-चैलेंजिंग मूल्यांकन में पीलीभीत की छात्रा के टॉपर के बराबर पहुंचे नंबर

-छात्रा ने आरयू प्रशासन से की कंप्लेन, आरयू ने समिति बनाकर निर्णय लेने का लिया फैसला

85 स्टूडेंट्स को कन्वोकेशन में मिला था गोल्ड मेडल

535-कॉलेजेज है आरयू से संबद्ध

9-डिस्ट्रिक्ट में हैं आरयू के कॉलेजेज

5-लाख करीब स्टूडेंट्स आरयू के कॉलेजेज में करते हैं पढ़ाई

1-लाख करीब स्टूडेंट्स आरयू के वर्ष 2019 में हो गए थे फेल

680-कैंडिडेट्स ने अप्लाई किया चैलेंजिग मूल्यांकन के लिए

166-कैंडिडेट्स हुए चैलेंजिग मूल्यांकन में पास

बरेली: अपनी लापरवाही के चलते आरयू अक्सर सुर्खियों में बना रहता है। अब चैलेंजिंग मूल्यांकन ने आरयू की पोल खोली है जिसमें पता चला है कि बीते 2 सितंबर को होने वाले कन्वोकेशन में एक स्टूडेंट गोल्ड मेडल की हकदार थी, लेकिन आरयू प्रशासन की लापरवाही के चलते न ही उसे गोल्ड मिल पाया और न ही सम्मान। आरयू की गलती के कारण छात्रा राष्ट्रपति के हाथों से सम्मान पाने से वंचित रह गई। अब छात्रा ने टॉपर होने का दावा ठोका है। उसका कहना है कि उसके नंबर टॉपर छात्रा के बराबर हैं इसीलिए उसे भी गोल्ड मेडल दिया जाए। लेकिन आरयू ने मामला डीएसडब्ल्यू के समक्ष रखने और समिति के निर्णय लेने की बात कहकर उसको शांत करा दिया है।

यह है मामला

पीलीभीत के एक निजी इंस्टीट्यूट की छात्रा आंकाक्षा ने इस साल बीएससी होम साइंस फाइनल ईयर का एग्जाम दिया है। कम नंबर आने पर उसने चैलेंजिंग मूल्यांकन के लिए अप्लाई किया था। जिसमें उसके 49 नंबर ज्यादा आए। इस तरह वह 79.86 परसेंट नंबर लाकर टॉपर स्टूडेंट बराबर पहुंच गई। लेकिन उसको यह बात बाद पता चली जिस पर उसने आरयू प्रशासन से गोल्ड मेडल मांगा है।

49 नंबर मिले ज्यादा

आरयू में मूल्यांकन के दौरान टीचर्स की लापरवाही के चलते होम साइंस की छात्रा टॉपर बनने से चूक गई। चैलेंजिग मूल्यांकन में उसके 49 नंबर बढ़ गए। वह गोल्ड मेडल की हकदार बन गई, लेकिन आरयू उसे अब छात्रा का दावा खारिज करने की पूरी कोशिश में लगा है।

500 ने किया था अप्लाई

आपको बता दें कम नंबर मिलने पर इस साल करीब 500 स्टूडेंट्स ने चैलेंजिग मूल्यांकन के लिए अप्लाई किया था जिसमें 166 पास हो गए। इसमें से भी एक होम साइंस की छात्रा तो टॉपर निकली, उसने आरयू से गोल्ड मेडल दिलाने की मांग करते शिकायती पत्र भी भेजा है। आरयू प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा स्टूडेंट्स का भुगतना पड़ रहा है। ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।

पिछले साल से मिल रही सुविधा

ज्ञात हो आरयू में पिछले वर्ष से चैलेंजिग मूल्यांकन लागू हुआ था। पिछले वर्ष भी आरयू में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स फेल हुए थे। जिसके बाद करीब 800 स्टूडेंट्स ने चैलेंजिग मूल्यांकन के लिए अप्लाई किया। जिसमें से 90 करीब कैंडिडेट्स पास हुए थे। लेकिन इस बार भी वही हुआ। कैंडिडेट्स ने चैलेंजिग मूल्यांकन के रिजल्ट आने पर पूरा सच सामने आ गया, लेकिन इससे कई कैंडिडेट्स को अगली क्लास में एडमिशन नहीं मिल सका। क्योंकि अब सभी संस्थानों में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसीलिए अब चैलेंजिग मूल्यांकन में सफलता पाने के बाद भी पूरा सत्र खराब करेंगे।

चैलेंज इवोल्यूशन के तहत छात्रा के तीन पेपर में मा‌र्क्स बढ़े हैं लेकिन अब उसे गोल्ड मेडल दिया जाना मुश्किल है। क्योंकि दीक्षांत समारोह हो चुका है।

प्रो। एके जेटली, डीएस डब्ल्यू आरयू