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- अधिकारियों के मुताबिक 60 परसेंट बिक्री घटने से राजस्व का भारी नुकसान

- वाइन, बियर की बिक्री सर्वाधिक प्रभावित, देशी से चल रहा काम

BAREILLY:

शराब से तौबा के लिए जो वादे-कसमें नहीं कर सकीं, उसे नोट बंदी के एक फैसले ने कर दिखाया। पैमाने पर सब्र का ऐसा बांध बना कि लोगों ने मयखाने से मुंह मोड़ लिया। यही वजह है कि डिस्ट्रिक्ट में शराब की बिक्री में रिकॉर्ड 60 परसेंट की बड़ी कमी आई है। इससे कई घरों में खुशियों का माहौल बन गया है।

शाम अब नहीं रही रंगीन

शाम को रंगीन बनाने के लिए पीने के शौकीनों ने शराब की दुकानों से मुंह ही मोड़ लिया है। बरेली जिले में शहर समेत कस्बों में सूरज ढलने के बाद शराब की दुकानों पर नशे के शौकीन लोगों की भीड़ दिखनी कम हो गई है। हालांकि, अभी भी दुकानों पर इक्का-दुक्का लोग पहुंच रहे हैं। मोदी के नोट बंदी के फरमान से आबकारी विभाग के अधिकारी परेशान हैं। क्योंकि उनके राजस्व में भी भारी गिरावट हो रही है। हालांकि, अधिकारी लोगों की सेहत सुधरने की बात भी कर रहे हैं।

फरमान के दिन सर्वाधिक बिकी

अधिकारियों के मुताबिक 8 नवंबर की रात जब पीएम ने बड़े नोटों पर प्रतिबंध लगाया था, तब रात 9 से 11 बजे तक आम दिनों की अपेक्षा 40 परसेंट तक ज्यादा शराब की बिक्री हुई थी, जो चूक गये वह अब पैसे न होने से दुकानों का रुख ही नहीं कर रहे हैं। 9 नवंबर से शराब की बिक्री में करीब 40 परसेंट कमी आई है। शराब के साथ ही बीयर की बिक्री पर भी नोट बैन का असर दिख रहा है। नोट की बंदी की मार का असर सर्वाधिक अंग्रेजी शराब पर दिखाई दे रही है। जबकि पौव्वा की बिक्री बढ़ी है।

शादी हो रही 'फीकी'

शादियों का सीजन में ही लोग शराब ज्यादा खरीदते हैं। अब कोई बड़ा ऑर्डर व्यापारियों और विभाग के पास नहीं पहुंच रहा। एफएल 6 लाइसेंस के आवेदन भी नहीं हो रहे, जहां शादी में करीब 80 बोतल शराब बिकती थी वह अब 5 बोतल तक सिमट गई हैे। इससे शराब व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है। क्योंकि उन्होंने शादियों के सीजन को देखते हुए बड़ा स्टाक लगा लिया था। अब बिक्री कम होने से स्टॉक की कीमत भी नहीं निकल रही। वहीं, कोई बड़ी पार्टी भी आयोजित नहीं हो रही।

जिले में प्रतिदिन बिक्री का रिकॉर्ड

वैराइटी पहले अब

वाइन 40 हजार 4 हजार

बियर 1.25 लाख 20 हजार

देसी 1.80 लाख 1 लाख

बड़े नोट बंद होने से शराब की बिक्री करीब 60 परसेंट तक कम हो गई है। इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है। करीब डेढ़ माह बाद स्थिति सुधरने की संभावना है।

एमएल द्विवेदी, जिला आबकारी अधिकारी