- 2014 से अब तक साढ़े सात लाख लोगों को पहुंचाया हॉस्पिटल

-स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया आंकड़ा

-शहर के लोग भी जमकर कर रहे हैं 102 का इस्तेमाल

GORAKHPUR: सीरियस पेशेंट्स के लिए यूपी गवर्नमेंट की एंबुलेंस सर्विस वरदान बनी है। खासतौर पर प्रेग्नेंट लेडीज और उनके बच्चों को इसके जरिए नई जिंदगी मिली है। हाल की बात करें तो कई ऐसे केस सुनने और देखने को मिले है, जिसमें ऑड टाइम में भी एंबुलेंस ने लोगों का साथ निभाया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2014 से 2019 तक एंबुलेंस के जरिए 7 लाख 72 हजार सीरियस पेशेंट्स को हॉस्पिटल पहुंचाया गया है। यानि 102 एंबुलेंस के जरिए ही रोजाना करीब 423 लोगों की जान बचाई गई है। इसमें करीब 40 परसेंट केस शहरी एरिया की है।

जनवरी 2020 तक 7.71 लाख ने उठाया फायदा

जिले में 102 नंबर एंबुलेंस सेवा के नोडल ऑफिसर एसीएमओ आरसीएच डॉ। नंद कुमार ने बताया कि 17 जनवरी 2014 से जनवरी 31 जनवरी 2020 तक 7.71 लाख गर्भवती, बच्चों और नसबंदी के लाभार्थियों ने इस सर्विस का फायदा उठाया है। एंबुलेंस में इमरजेंसी के लिए कंप्लीट डिलेवरी किट भी रखी गई है, जिससे किसी इमरजेंसी की कंडीशन में डिलेवरी कराई जा सके। इस पीरियड में करीब 50 केस ऐसे हैं, जिनकी सीरियसनेस की वजह से एंबुलेंस में ही डिलेवरी करानी पड़ी है। एंबुलेंस में ट्रेंड ईएमटी भी साथ भेजे गए हैं, जिससे कि जच्चा और बच्चा को किसी तरह का नुकसान न उठाना पड़े।

24 घंटे अवेलबल है फैसिलिटी

डॉ। नंद ने बताया कि एंबुलेंस के लिए रिस्पांस टाइम 12 मिन तय किया गया है, जिसे वह बाखूबी पूरा भी कर रहे हैं। एसीएमओ ने बताया कि 102 नंबर सेवा की कुल 50 एंबुलेंस जिले में मौजूद हैं, जो गवर्नमेंट हेल्थ सेंटर्स पर तैनात हैं और किसी भी प्रेग्नेंट लेडी की हेल्थ इमरजेंसी के लिए 24 घंटे अवेलबल हैं। बताया कि 20 जनवरी की सुबह 4.16 पर खोराबार पीएचसी पर तैनात एंबुलेंस में ड्यूटी कर रहे ईएमटी यार मोहम्मद को निर्देश मिला कि वह ग्राम जवनीया के कॉलर कैलाश को अटेंड करें। यार मोहम्मद पायलट समेत सुबह 4.30 तक स्पॉट पर पहुंचे। कैलाश की पत्‍‌नी सुधा (35) को लेबर पेन हो रहा था। पायलट ने गाड़ी की कमान संभाली और ईएमटी, गर्भवती व उसके पति संग गाड़ी में बैठ गया। गाड़ी रुस्तमपुर पहुंची ही थी कि पेन काफी बढ़ गया। ईएमटी ने गाड़ी किनारे लगवाया और पायलट व पति के सहयोग से सुबह करीब 4.45 तक सुधा का सुरक्षित डिलेवरी करा दिया।

इनके लिए है फैसिलिटी

-गर्भवती के लिए

-नसबंदी के बाद लाभार्थी को घर छोड़ने के लिए

-जच्चा-बच्चा को घर छोड़ने के लिए

-इंसेफेलाइटिस मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र से मेडिकल कालेज ले जाने के लिए

वर्जन

102 नंबर एंबुलेंस सेवा का सदुपयोग सभी लाभार्थियों के लिए फ्री है। लोगों से सिर्फ यही अपील है कि अगर कहीं भी कोई एंबुलेंस दिखे तो उसे रास्ता दें। अगर किसी को कोई प्रॉब्लम है, तो वह शिकायत कर सकता है।

- डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ