नवंबर 2012 में शुरू हुई थी 108 सेवा

समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के नाम से फ्री में एंबुलेंस की सुविधा शुरू यूपी गवर्नमेंट ने की। जिले में 108 नंबर पर कॉल करके इमरजेंसी में बुलाने के लिए 24 एंबुलेंस मिली। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, गोरखनाथ थाना, सभी ब्लाक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा गया। लेकिन धीरे-धीरे इसकी हालत खस्ता होती जा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं जहां कम हो रही हैं। वहीं ज्यादातर एंबुलेंस कीं छत पर लगी बत्ती और सायरन खराब हो गए हैं।

हॉस्पिटल पहुंचने में होती है प्रॉब्लम

108 नंबर की सेवा पर चलने वाले कर्मचारी नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि इमरजेंसी में उन लोगों की जान अटकी रहती है। सिटी में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां पर जाम न लगता हो। कई बार ऐसा होता है कि भीड़ में खड़ा रहना पड़ता है। ऐसे में पेशेंट की जान जाने का खतरा होता है। कई बार पेशेंट के पैरेंट्स से झगड़ा भी हो जाता है। सभी को 108 नंबर के एंबुलेंस का सहारा है।

वीआईपी ड्यूटी में बिजी रहती है जिला अस्पताल की एंबुलेंस

समाजवादी स्वास्थ्य सेवा की एंबुलेंस के अलावा जिले में सरकारी एंबुलेंस का टोटा हो गया है। सीएमओ ऑफिस से अटैच 12 एंबुलेंस लखनऊ गई हैं। सिर्फ पांच एंबुलेंस बची हैं जो ज्यादातर वीआईपी ड्यूटी में बिजी रहती हैं। इसलिए जरूरत पडऩे पर 108 का सहारा रहता है।

108 नंबर की सेवा वाले एंबुलेंस की जिम्मेदारी हमारी नहीं है। लेकिन कभी- कभी हमारे पास शिकायत आती है तो हम ऊपर बात करके उसकी मेनटेनेंस कराते हैं।

आरपी गुप्ता, चीफ मेडिकल ऑफिसर