गोरखपुर (ब्यूरो)। योगी जी तो भारी अंतर से जीतेंगे। हां वह तो जीत जाएंगे, लेकिन अन्य कुछ सीटों पर लड़ाई कांटेदार है। कहीं लड़ाई नहीं है। हम लोगों ने काफी मेहनत की है। अपने प्रत्याशी का नाम लेते हुए वहीं चुनाव जीतेंगे.Ó यह बातचीत हर चौराहे पर, दुकान और नुक्कड़ पर चल रही है। बात सरकार से शुरू होकर शहर में आकर ठहर रही है। इनमें कोई पार्टियों से जुड़ा हुआ कार्यकर्ता हैं तो कोई समर्थक या फिर आम वोटर जिसने विधानसभा इलेक्शन में अपने पसंद के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया है। जबकि वोटिंग का आंकड़ा चौंकाने वाला है। 15,70,536 वोटर मतदान करने के लिए घरों से निकले ही नहीं है। इसके बाद भी पब्लिक जीत-हार का अपना गणित लगा रही तो पार्टी और प्रत्याशियों के बूथ स्तर के पदाधिकारी अपने बूथ पर सर्वाधिक वोट अपने पक्ष में दिलवाने के दावे कर रहे हैं। किसने, कितनी मेहनत की है। यह तो 10 मार्च को तय होगा। जब बूथवार वोटों का आकलन किया जाएगा। इसको लेकर प्रत्याशियों ने भी तैयारी शुरू कर दी है। वह अपने समर्थकों के दावों को परखने के लिए बूथवार पोल हुए वोटों का हिसाब-किताब जोड़ रहे हैं। राजनीति से जुड़े लोगों का कहना है कि अपने वोटरों को बूथ तक पहुंचाने में कौन कितना कामयाब हुआ है। इस पर ही बूथ का परिणाम तय होता है।

समर्थकों के दावों की पोल खोलेगी बूथवार पोलिंग

चुनाव के दौरान हर प्रत्याशी के अपने समर्थकों के साथ बैठक करके रणनीति तय करते हैं। किस एरिया में कितने, किस तरह के मतदाता है। बूथवार उनकी डिटेल तैयार करके मैनेजमेंट संभालते हैं। इसके लिए समर्थक जमकर मेहनत करते हैं। लोगों को लुभाने के लिए चुनावी एजेंडा भी बताते हैं। रोजाना प्रचार के बाद लौटकर वह अपने प्रत्याशी को इसकी रिपोर्ट देते हैं। यह भी दावा करते हैं कि वह अपने बूथ पर अन्य पार्टियों से ज्यादा वोट दिला देंगे, लेकिन इलेक्शन के बाद कई बार परिणाम उलट हो ताजे हैं। ऐसे में समर्थकों या बूथ एजेंट की सच्चाई सामने आ जाती है। इस बार भी बूथ एजेंट के दावों को अमली जामा पहनाने के लिए प्रत्याशी कैलुकेशन की तैयारी कर चुके हैं।

इन बिंदुओं पर करते बूथवार समीक्षा

- बूथ पर कुल कितने वोटर रजिस्टर्ड हैं।

- बूथ पर कुल कितने लोगों ने मतदान किया है।

- कुल किए गए मतदान में किसी प्रत्याशी को कितना वोट मिला है।

- कितना वोट से कौन किस नंबर पर आया।

- पिछले इलेक्शन में किस प्रत्याशी को कितना वोट मिला था।

- बूथ पर पिछले चुनाव की अपेक्षा कितना कम या ज्यादा वोट मिले।

- नए वोटर के बढऩे का कोई फर्क पड़ा या नहीं।

- यदि समर्थक वोट नहीं दिला पाए तो क्या वजह रही है।

2022 के विधानसभा चुनाव के वोटिंग प्रतिशत

विधानसभा - पुरुष - महिला - कुल

कैंपियरगंज - 52.92 - 64.47 - 58.27

पिपराइच - 57.97 - 69.90 - 63.43

गोरखपुर शहर - 53.63 - 52.77 - 53.22

गोरखपुर ग्रामीण - 58.63 - 62.63 - 60.47

सहजनवां - 54.37 - 64.67 - 59.07

खजनी - 46.32 - 59.18 - 52.21

चौरीचौरा - 50.29 - 66.97 - 57.96

बांसगांव - 42.28 - 57.73 - 49.26

चिल्लूपार - 46.30 - 60.35 - 52.76

कुल - 51.51 - 61.86 - 56.26

विधानसभा कुल वोटर ------- पड़े वोट

कैंपियरगंज 3,82,633 -------- 2,22,955

पिपराइच 4,06,108 -------- 2,57,580

गोरखपुर शहर 4,63,923 -------- 2,46,447

गोरखपुर ग्रामीण 4,18,695 -------- 2,53,204

सहजनवां 3,78,269 -------- 2,23,431

खजनी 3,78,665 -------- 1,97,717

चौरीचौरा 3,54,138 -------- 2,05,274

बांसगांव 3,80,151 -------- 1,87,259

चिल्लूपार 4,29,058 -------- 2,26,360

कुल 35,91,640 -------- 20,20,227

वर्जन

प्रत्याशी चुनाव जीते या हारे, वह अपने वोटों की समीक्षा करते हैं। क्योंकि इलेक्शन के पहले समर्थक, सहयोगी अपने-अपने बूथ से अधिक से अधिक वोट दिलाने का दावा करते हैं। ऐसे में हर प्रत्याशी को भरोसा होता है कि उसे ही सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। लेकिन जब गणना होती हो असलियत सामने आती है।

अमित कुमार उपाध्याय, कोआर्डिनेटर इलेक्शन स्टडी सेल, डीडीयूजीयू