गोरखपुर (ब्यूरो). गुरुवार को हुई झमाझम बारिश के बाद टेंप्रेचर डिफरेंस काफी कम हो गया। मैक्सिमम टेंप्रेचर 30 और मिनिमम 27 सेल्सियस दर्ज किया गया। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भोर से ही रिमझिम बारिश हो रही है। हालांकि, शहर के ज्यादातर हिस्सों में बादल ही छाए रहे। इस बारिश से खेतों में सूख रही धान की फसल को बारिश ने मानों अमृत दे दिया। इस बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई। मौसम वैज्ञानिक जय प्रकाश गुप्ता ने बताया कि बादलों के घना रूप लेने और तेज हवा चलने से बारिश के आसार बने हुए हैं।

सावन में सता रही थी जेठ जैसी गर्मी

गोरखपुर में इस बार 11 साल बाद गोरखपुर में कम बारिश हुई है। हालात ऐसे हो गए हैं कि सावन के महीने में गर्मी जेठ महीने जैसी पड़ रही है। बारिश नहीं होने से किसान धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। जिन्होंने रोपाई कर दी है, उनके लिए उसकी सिंचाई भारी पड़ रही है।

गोरखपुर में हुई सिर्फ 23.6 एमएम बारिश

मौसम के जानकारों के अनुसार, आमतौर पर एक से 10 जुलाई के बीच 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो जाती है, लेकिन इस बार जिले में केवल 23.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। इससे पहले, साल 2010 में 17 मिलीमीटर बारिश हुई थी। वहीं, साल 2020 में एक से 10 जुलाई के बीच 203 और 2021 में 109.8 मिलीमीटर बारिश हुई थी।

हल्की बरसात में भी लग गया पानी

जिले में देर रात हुई रिमझिम बारिश ने नगर निगम की इज्जत बचा ली। देर रात हुई बारिश के बाद शहर में जलभराव की स्थिति बन गई। लेकिन रात होने की वजह से लोगों को इससे परेशान नहीं होना पड़ा। कई मोहल्लों में बारिश का पानी लग गया, लेकिन सुबह होते-होते वह निकल गया। इसके बाद भी कई मोहल्ले ऐसे नजर आए जहां लोगों को दिन भर जलभराव से मुसीबत झेलनी पड़ी। सिविल लाइंस, बिलंदपुर, बैंकरोड, रेती जैसे कई मोहल्लों में बारिश का पानी लगा रहा।