- शहर में बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता ले चल रहे 300 इंग्लिश मीडियम स्कूल्स में नाकाफी सुरक्षा इंतजाम

- कहीं नहीं लगे हैं सीसीटीवी कैमरे, स्टाफ पुलिस वेरिफिकेशन का भी पता नहीं

GORAKHPUR: लखनऊ के ब्राइट लैंड कॉलेज की घटना के बाद शुरू हुए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के कैंपेन 'खतरे में बच्चे' के क्रम में हमारी टीम ने सिटी के स्कूल्स में सुरक्षा की हकीकत जानी। ज्यादातर सीबीएसई और सीआईएससीई स्कूल्स तो मानकों को पूरा करते मिले। लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता लेकर सीबीएसई पैटर्न का हवाला देकर चल रहे लगभग 300 से ज्यादा स्कूल्स में जो हालात मिले वो किसी भी अभिभावक को परेशान कर देंगे। ज्यादातर जगह न तो सीसीटीवी कैमरे नजर आए और न ही टीचर्स और स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन ही हुआ मिला।

सुरक्षा के नाम पर बस दिखावा

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम शुक्रवार को सिटी के विभिन्न स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे, उनकी मॉनिटरिंग और स्टाफ के पुलिस वेरिफिकेशन का रियल्टी चेक करने निकली। ज्यादातार सीबीएसई व सीआईएससीई स्कूल्स तो नियम फॉलो करते नजर आए। लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त इंग्लिश मीडियम स्कूल तो हर नियम ताक पर रखकर चलते मिले। न तो कहीं सीसीटीवी इंस्टॉल्ड मिले और न ही कहीं स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन ही हुआ था। जबकि गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल की घटना के बाद से ही प्रदेश सरकार ने सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरा लगवाने समेत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का निर्देश दे रखा है।

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विभाग के पास तो डाटा ही नहीं

हद तो ये कि बेसिक शिक्षा विभाग के पास कक्षा आठवीं तक के इन मान्यता प्राप्त इंग्लिश मीडियम स्कूल्स के स्टाफ का कोई डाटा बैंक ही नहीं है। जबकि ये स्कूल्स छात्रों के साथ जमकर मनमाना रवैया अपनाते हैं। सीबीएसई पैटर्न का हवाला देकर पैरेंट्स से मोटी फीस वसूलने से भी बाज नहीं आते। लेकिन जब बच्चों की सुरक्षा की बात आती है तो सीसीटीवी कैमरे से लेकर सुरक्षा कर्मी तैनाती तक हर व्यवस्था में मानकों से कोसो दूर ही नजर आते हैं।

25 प्रतिशत वेरिफिकेशन अब भी बाकी

शासन की ओर से गोरखपुर के प्राइवेट स्कूल्स के टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ के पुलिस वेरिफिकेशन के लिए भी एसएसपी को निर्देश दिया गया था। जिसके बाद एसएसपी ऑफिस की सूचना पर स्कूल्स ने अपने टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ के पुलिस वेरिफिकेशन के लिए आवेदन किए। लेकिन एसएसपी ऑफिस में तैनात कर्मचारियों की उदासीनता के कारण अब तक 75 प्रतिशत स्टाफ का ही वेरिफिकेशन हो पाया है।

वर्जन

बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त इंग्लिश मीडियम स्कूल्स के टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ के डाटा कलेक्ट किए जा रहे हैं। जिन स्कूल्स ने नहीं दिया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- राम सागर पति त्रिपाठी, बीएसए