- होम आइसोलेशन के आदेश के बाद तेजी से सामने आ रहे एसिम्टोमैटिक कोरोना पेशेंट

- मरीजों की बढ़ी तादाद, सिटी के सभी सीएचसी पर कैंप में आज से होगी जांच

GORAKHPUR: होम आईसोलेशन के आदेश के बाद से लगातार सैंपल की संख्या में इजाफा हो रहा है। यूपी गवर्नमेंट की तरफ से आए होम आईसोलेशन के आदेश के बाद से गोरखपुर में दो दिनों में 1500 सैंपल लिए जा चुके हैं। इनमें से 425 लोगों को होम आइसोलेट किया जा चुका है। यह बुधवार व गुरुवार में कैंप में लिए गए सैंपल्स के आंकड़े बयां कर रहे हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट ने सैंपल की संख्या बढ़ाने के लिए सिटी में 11 स्टैटिक साइट सेलेक्ट की हैं। इन साइट्स पर सैंपलिंग का काम शुक्रवार से शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से स्टाफ को ट्रेनिंग भी दे दी गई है।

लगातार हो रही मॉनीटरिंग

गोरखपुर में कोरोना केसेज ट्रेस करने के लिए ज्यादा से ज्यादा जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिला अस्पताल, नेपाल लॉज, टीबी अस्पताल समेत रूरल एरिया में जांच चल रही है। बुधवार को जहां 700 में 215 लोगों को होम आईसोलेट किया गया था। वहीं सात लोगों को सिम्टोमैटिक होने पर आइसोलेशन वार्ड में एडमिट किया गया। जबकि गुरुवार को करीब 200 लोगों को होम आइसोलेट किया गया। गोरखपुर में एडिशनल सीएमओ डॉ। एनके पांडेय को कोरोना संबंधित जांच व अन्य गतिविधियों की जानकारी के लिए जिला प्रतिरक्षक एवं सर्विलांस अधिकारी बनाया गया है। हेल्थ डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक, एसिम्टोमैटिक पेशेंट्स को होम आइसोलेशन में रखने को लेकर जिला सर्विलांस अधिकारी का कार्यालय upcovid19trackers.in पोर्टल पर इंट्री करेगा। जिले के सीएमओ ऑफिस होम आइसोलेशन शुरू होने की तारीख से 10 दिनों तक प्रतिदिन ऐसे पेशेंट्स को कॉल कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने की व्यवस्था करेंगे। ऐसे मरीज 10 दिनों तक होम आइसोलेशन के बाद पोर्टल द्वारा रिकवर्ड घोषित होने के बाद भी सात दिन तक अपने तरीके से होम आइसोलेशन पर रहेंगे। इन 10 दिनों के दौरान लक्षण दिखने होने पर मरीज की आयु और उसकी पहले की बीमारी को देखते हुए कोविड अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा। होम आइसोलेशन के लिए शर्तो का पालन करने के लिए मरीज और उनके तीमारदारों के सिग्नेचर होंगे।

इसका करना है पालन

चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी डीएम, सीएमओ और अस्पतालों के सीएमएस को संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी भेज दी है। रोगियों को यदि कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं हुए तो प्रारंभिक जांच के दसवें दिन या भर्ती होने के सातवें दिन पर बिना किसी जांच के डिस्चार्ज किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी करते हुए यह जरूर कहा है कि डिस्चार्ज करने से पहले यह जरूर देख लिया जाए कि रोगी में लक्षण न मिल रहे हों। डिस्चार्ज करने से पहले तीन दिनों तक लगातार रोगी के बुखार न आए। रोगी में ऑक्सीजन की स्थिति बिना किसी सपोर्ट के 94 फीसदी से ऊपर पाई जाए।

वर्जन

सैंपल की जांच तेज कर दी गई है। एंटीजन जांच में अगर पॉजिटिव आता है तो उसे पॉजिटिव मान लिया जाता है। अगर वह निगेटिव आ जाता है तो उसकी आरटीपीसीआर करवाई जाती है। जो होम आइसोलेशन की गाइडलाइन हैं उन्हीं के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति को होम आइसोलेट किया जा रहा है। जिसके पास होम आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है। उसे कोरोना वार्ड में एडमिट किया जा रहा है।

डॉ। एनके पांडेय, जिला प्रतिरक्षक एवं सर्विलांस अधिकारी