- पकड़े जाने पर तीन साल तक के लिए हो सकती है जेल

- कोचिंग-ट्यूशन पढ़ाने वाले टीचर को चिन्हित करने में जुटा विभाग

GORAKHPUR: यदि आप गवर्नमेंट टीचर हैं और कोचिंग या ट्यूशन के मोह में फंसे हुए हैं तो संभल जाइए। इस चक्कर में आपकी नौकरी तो जाएगी ही, जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। वह भी कुछ महीनों के लिए नहीं, बल्कि तीन साल तक। शासन इस संबंध में काफी सख्त है और इसे लेकर ट्यूशन-कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षकों की सूची भी तैयार की जा रही है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आपके पास सुधरने का यह अंतिम मौका है। पकड़े जाने पर एफआईआर दर्ज होगी और सीधे जेल भेजे जाएंगे।

डीआईओएस को आदेश

शासन ने प्रदेश के सभी डीआईओएस को आदेश दिया है कि ऐसे सरकारी शिक्षकों की सूची तैयार की जाए जो कोचिंग पढ़ाते हैं। शासन के आदेश के बाद से डीआईओएस की तरफ से सूची तैयार करने के लिए टीम का गठन किए जाने की कवायद शुरू कर दी गई है। सूची तैयार किए जाने के बाद ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी।

लौट रहा 'कल्याण सिंह का राज'

जब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे, तब भी शासन इतना ही सख्त था और माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के ट्यूशन-कोचिंग में पढ़ाने पर रोक थी। तब जिले में ऐसे 1750 शिक्षकों को चिन्हित किया गया था जो कोचिंग-ट्यूशन पढ़ाते थे। इनमें से अधिकतर पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। बीच में सरकार बदलने के बाद शिक्षकों को अघोषित छूट मिल गई थी और वे मनमाना करने लगे थे लेकिन अब योगी राज है। इस राज में कल्याण सिंह के शासनकाल जैसी ही सख्ती शुरू हो गई है।

बॉक्स

कोई भी कर सकता है कंप्लेंट

यदि किसी सरकारी विद्यालय में पढ़ा रहा टीचर कोचिंग या ट्यूशन पढ़ने के लिए किसी छात्र पर दबाव बना रहा है या कहीं किसी को पढ़ा रहा है तो इसकी गोपनीय शिकायत सीधे डीआईओएस ऑफिस में लिखित की जा सकती है। यही नहीं, सीधे इसकी शिकायत डीएम से भी की जा सकती है। यहीं नहीं यूपी माध्यमिक परिषद की वेबसाइट पर भी शिकायत की जा सकती है।

वर्जन

कोचिंग, ट्यूशन कराने वाले सरकारी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शासन के आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा।

- एएन मौर्य, डीआईओएस