किससे बताऊं अपनी व्यथा

सीएम के जाने के बाद मेरे (ट्रामा सेंटर) पास आंसू बहाने के अलावा कोई चारा नहीं है। मैं लोगों की जिंदगी बचाने के लिए तत्पर तो हूं, पर कैसे? मेरे पास जिंदगी को बचाने वाले हथियार (मेडिकल इक्विपमेंट्स) तो है, पर उसे चलाने वाले एक्सपर्ट (डॉक्टर्स) नहीं। ट्रामा सेंटर में एक्सीडेंटल और इमरजेंसी केस में मौत से जूझ रहे मरीजों की जान बचाई जाती है। इसके लिए ट्रामा सेंटर में हर मेडिकल डिपार्टमेंट के हाई इक्विपमेंट और हाइटेक ओटी रहती है। साथ ही इलाज भी हर डिपार्टमेंट के स्पेशलिस्ट करते है। मगर मेरे पास एक भी स्पेशलिस्ट नहीं है। यहां तक कि लाइफसेफ्टी वेंटीलेटर को ठीक से हैंडिल करने वाले डॉक्टर्स भी नहीं है। मुझे बनाने के लिए करीब 5 करोड़ रुपए से अधिक का बजट खर्च किया गया था।

रात की मेहनत का मिला रिजल्ट

बीआरडी मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन सीएम के रिजल्ट में पास हो गया। मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं देख सीएम काफी खुश दिखे। जबकि सीएम के रास्ते के चारों ओर बनी इंटरलॉकिंग मंडे नाइट को कंपलीट हुई। हकीकत अगर देखा जाए तो इंटरलॉकिंग सिर्फ दिखाने को थी, क्योंकि उसे बालू लगाकर उसे किया गया था। जिसका इफेक्ट सीएम के जाते ही दिखने लगा और इंटरलॉकिंग दम तोडऩे लगी।

'समाजवादी वार्ड' पहुंचे सीएम

इंसेफेलाइटिस वार्ड का इनॉगरेशन करने के बाद सीएम अखिलेश यादव ने इंसेफेलाइटिस वार्ड के साथ मेडिकल कॉलेज में फेमस 'समाजवादी वार्डÓ की भी इंस्पेक्शन किया। वे वार्ड में एडमिट एक्स मिनिस्टर अमरमणि त्रिपाठी से मिलने पहुंचे थे। इसी वार्ड में पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल यादव, मधुमणि त्रिपाठी और राममिलन यादव भी एडमिट है। ये सभी पार्टी से रिलेटेड है।

सीएम खींचते रहे पर्दा, मरीज रहे परेशान

मेडिकल कॉलेज में सीएम अखिलेश यादव कई योजनाओं का इनॉगरेशन करने के लिए पर्दा खींचते रहे और लोग तालियां बजाते रहे। वहीं दूसरी ओर इलाज के लिए आए मरीजों का बुरा हाल रहा। सिक्योरिटी के चलते मेडिकल कॉलेज का मेन गेट बंद था। गेट से अंदर सिर्फ उन्हीं लोगों को एंट्री मिल रही थी, जिनके हाथ में एक्सरे, मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट या सीरियस कंडीशन में मरीज थे।

सेलरी के बदले मिली सस्पेंशन की धमकी

ट्रामा सेंटर में डॉक्टर से लेकर स्टाफ, नर्स, टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय और सफाई कर्मचारी तक सभी कांट्रेक्ट पर हैं। ट्रामा सेंटर में लगभग 92 इंप्लाई हंै। इन सभी इंप्लाई की कई महीने से सेलरी नहीं मिली है। इसको लेकर ट्रामा सेंटर के इंप्लाई धरने पर बैठे थे। मगर सीएम के प्रोग्राम को लेकर मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने इन इंप्लाई को सेलरी देने के बजाए सस्पेंशन का लेटर भेज दिया। हालांकि सीएम से मिलने के बाद उन्होंने आश्वासन दिया कि एक हफ्ते के अंदर सभी को सेलरी मिल जाएगी।

हर योजनाएं होंगी पूरी

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सीएम अखिलेश यादव ने कई योजनाएं शुरू करने के साथ और भी तोहफे दे डालें। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज को जिस चीज की जरूरत होगी, वह पूरी होगी। कॉलेज के प्रिंसिपल इलाज को बेहतर बनाने के लिए योजनाएं बनाए और प्रपोजल भेजें, सभी को पूरा किया जाएगा।

हटा पर्दा, निकली योजना

-100 बेड का इंसेफेलाइटिस वार्ड

-ओपीडी कांप्लेक्स

-ट्रामा सेंटर

-न्यू इमरजेंसी वार्ड

-एमआरआई और कम्यूनिटी सेंटर