गोरखपुर ब्यूरो। शाहपुर एरिया के आवास विकास कॉलोनी बी ब्लॉक निवासी सरदार कुलदीप सिंह के घर की दीवार के पास मंगलवार-बुधवार मध्यरात्रि 2.05 बजे पिकअप सवार पशु तस्कर एक गाय को पकडऩे के प्रयास में घेराबंदी कर रहे थे। इस बीच उन्होंने तेजी से पिकअप मोडऩे के चक्कर में कुलदीप सिंह के घर की दीवार व गेट पर दो बार टक्कर मार दी। टक्कर की आवाज सुनकर अपने कमरे में बैठकर कार्य कर रहा कुलदीप सिंह का बड़ा बेटा जसदीप सिंह (22) बाहर निकला। दीवार में पिकअप से ठोकर मारने वाले और गाय को पकड़ रहे तस्करों को टोका तो वह गालियां देने लगे। इस बीच पिस्टल, असलहा और चाकू, रॉड से लैस तस्करों ने जसदीप पर हमला कर दिया। संयोग ठीक रहा कि व बाल-बाल बच गया। उसी वक्त कुलदीप सिंह, उनकी पत्नी कोमलदीप कौर अपने छोटे बेटे गुरमल सिंह के साथ गेट पर पहुंचीं। कुलदीप पर तस्करों ने रॉड से हमला किया, लेकिन बैठ जाने की वजह से वह बच गए। इस बीच कुछ तस्कर परिवार पर पत्थर फेंकने लगे। एक पत्थर सिर पर लगने से कोमलदीप कौर घायल हो गईं, लेकिन उन्होंने फुर्ती दिखाते हुए चैनल गेट का तेजी से लॉक कर अपनी और परिवार के सदस्यों की जान बचाई। इसके बाद तस्कर गाय को लादकर फरार हो गए।

रास्ते से ही लौट गई पीआरवी

घटना की जानकारी डॉयल 112 को दी गई। रात 2.25 बजे पीआरवी की गाड़ी एक प्राइवेट हास्पिटल मोड़ के समीप कोमलदीप कौर और उनके बेटे जसदीप सिंह को दिखी। जसदीप ने

हाथ देकर गाड़ी को रोका और घटना व मां के घायल होने की जानकारी दी। पीआरवी की टीम मौके पर न जाकर वहीं से लौट गई। कुसम्ही बाजार स्थित एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने

वाली टीचर कोमलदीप सिंह कौर ने कहा कि पीआरवी पुलिस की जिम्मेदारी बनती थी कि वह रात में उन्हें और उनके बेटे को सुरक्षा प्रदान करती। उनके साथ हॉस्पिटल तक जाती

और सुरक्षित घर पहुंचाती, लेकिन ऐसा नहीं किया। घायल कोमलदीप ने कहा कि वह जनसेवा समिति के पदाधिकारियों के माध्यम से इस संबंध में शाहपुर थाने में केस दर्ज कराएंगी।

घटना सीसीटीवी में कैद है। बीती रात कोहरा अधिक होने के कारण पिकअप की लाइट ही दिख रही है।

बिहार से बंगाल जाती गौवंश, हमले से सहमी पुलिस

पशु तस्करों ने एक साल पूर्व तारामंडल में एक महिला को व्हीकल में लादने का प्रयास किया था। सड़क पर मोबाइल से बात कर रही महिला को देखकर उनको वीडियो बनाने का

शक हुआ। तस्करों ने पहले मोबाइल छीनने की कोशिश की। बाद में महिला को ही पिकअप पर लादने लगे। किसी तरह से वह छूटकर बच सकी। बताया जाता है कि पशु तस्करों के

हमले से पुलिस सहम उठी है। वर्दी वालों को देखते हुए पशु तस्कर ईंट-पत्थर चलाने लगते हैं। गाडिय़ों को कुचल देना, धक्का मारकर भाग जाना सहित अन्य घटनाओं को अंजाम देते

हैं। शहर से पशुओं को बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल भेजा जाता है। कुशीनगर जिले के रहने वाले पशु तस्करों का गैंग गोरखपुर शहर में आतंक फैला रहा है। इस गैंग के कई सदस्य

पूर्व में जेल जा चुके हैं।

एक जानवर पहुंचाने पर तस्करों को 50 हजार का प्रॉफिट

शहर और आसपास एरिया से गौवंश को पिकअप पर लादकर पहुंचाने वाले तस्करों को अच्छी रकम मिलती है। पूछताछ में सामने आया है कि एक गौवंश के बदले उनको बिहार में

50 हजार रुपए तक मिल जाते हैं। रात में चार-पांच घंटे मेहनत करके सभी अच्छा पैसा कमा लेते हैं। सड़क किनारे डेयरी, लोगों के दरवाजे पर बंधे पशुओं के साथ-साथ तस्करों की

टीम लावारिस हाल गायों को भी उठा लेती है।

पहले भी सामने आए मामले

09 जनवरी 2022: शाहपुर एरिया में पशु तस्करों ने पब्लिक पर हमला किया।

03 जनवरी 2022: रात में गुलरिहा एरिया में पशु तस्करों ने पीआरवी पर हमला बोल दिया था। पीआरवी में तैनात पुलिस वालों पर गोली चलाकर भाग गए। जान बचाने के लिए

पीआरवी कर्मचारी मोहल्ले में छिप गए थे।

31 दिसंबर 2021: असुरन चौक पर तस्करों ने दरोगा पर हमला किया। बाइक तोड़कर भागे। एक राहगीर की कार भी क्षतिग्रस्त कर दी।

13 जून 2021 : गुलरिहा इलाके में मेडिकल कालेज रोड पर क्राइम ब्रांच और गुलरिहा पुलिस की तस्करों से मुठभेड़ हुई।

वर्जन

मामले में अभी तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद पशु तस्करों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। पहले भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। पशु तस्करों की धरपकड़ के

लिए टीमें लगाई गई हैं। जल्द ही मामले का पर्दाफाश किया जाएगा।

संजय कुमार सिंह, इंस्पेक्टर शाहपुर