गोरखपुर (ब्यूरो)।दोनों आरोपियों को कोलकाता पुलिस पकड़कर गोरखपुर कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। आरोपियों ने 16 सौ करोड़ रुपये की जालसाजी की है। आरोपियों के खिलाफ कैंट और कोतवाली में केस दर्ज किया गया था।

साल 2019 में दर्ज हुआ केस

आरोपी हरि सिंह आगरा नगर के कालवारी, अमरपुरा के क्रिया विहार का निवासी है और विनय सिंह कोलकाता के कोलका का रहने वाला है। जानकारी के मुताबिक, 2018 में कैंट थाने में एडीजी के आदेश पर संजय कुमार सिंह की तहरीर पर केस दर्ज किया गया। पुलिस ने मनोरंजन राय, हरि सिंह, विनय सिंह, राजकुमार राय को आरोपी बनाया गया था। सभी के खिलाफ पुलिस ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी, अपराधिक साजिश की धारा का आरोपी का आरोपी बनाया गया। पुलिस ने जांच कर चार्जशीट दाखिल कर दी, लेकिन एक भी आरोपी पकड़ा नहीं जा सकता। पुलिस ने जांच कर चार्जशीट दाखिल कर दी। इसके बाद कोतवाली इलाके के छपिया निवासी धर्मेंद्र त्रिपाठी ने कोर्ट के आदेश पर 2019 को कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया।

पैसा जमा कर फंस गए लोग

आरोप है कि कंपनी ने लोगों के रुपए जमा कराए। अभिकर्ताओं को बताया गया कि कंपनी रजिस्टर्ड है और भागने वाली नहीं है। बैंक से अधिक ब्याज दिया जाएगा। इसी झांसे में आकर सैकड़ों लोग इसमें फंस गए और फिर अभिकर्ता भी फंसते चले गए। पुलिस की जांच में सामने आया कि गोरखपुर के अलावा पूरे प्रदेश में इस फर्जी कंपनी ने जालसाजी की है। मामला बढऩे पर कोर्ट से पुलिस ने वारंट हासिल किया और फिर कोलकाता पुलिस से मदद मांगी। बुधवार को कोलकाता पुलिस आरोपियों को लाकर गोरखपुर सीजेएम कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया।