गोरखपुर (ब्यूरो)। हाल फिलहाल की घटनाओं पर अगर गौर करें तो गोरखपुर के अपराध में नए नवेले युवाओं के नाम सामने आए हैं। जबकि जब भी अपराध होता है तो पहले पुलिस उस थाना क्षेत्र के शातिर बदमाशों की लिस्ट बनाकर खोजना शुरू करती है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जो भी क्राइम हो रहे हैं। अधिकतर घटनाओं को नए बदमाश अंजाम दे रहे हैं।

इनामी तस्कर रील बनाकर दे रहा था चुनौती

एसटीएफ ने 27 दिसंबर को खूंखार पशु तस्कर तौसीफ को अरेस्ट किया। करीब 24-25 साल का तौसीफ पुलिस के एक दर्जन जवानों पर हमला कर चुका है। उस पर 50 हजार का पुलिस ने इनाम रखा था। वहीं तौसीफ रील बनाकर पुलिस को चुनौत्ी देता रहा। तौसीफ रील में डॉन फिल्म का डायलॉग बोलते दिख रहा है कि डॉन को पकडऩा मुमकिन नहीं। पकड़े जाने के बाद पता चला कि तौसीफ पुलिस को देखकर खूंखार हो जाता है। उसे डॉन की तरह कपड़े पहना और स्टाइल मारना अच्छा लगता है।

पकड़े गए तो बोले बदमाश 'साहब बदनामी से डर लगता है

बेलघाट पुलिस ने 21 दिसंबर को 6 बाइक चोरों को 11 मोटरसाइकिल के साथ अरेस्ट किया। पकड़े गए सभी बदमाश 19 से 25 साल की एज ग्रुप के थे। सभी बदमाश जब पुलिस लाइन लाए गए तब वे अपना मुंह छिपाने लगे। उनमे से एक बदमाश ने बोला कि साहब आप ने तो बोला था कि सही बोलोगे तो छोड़ देंगे, लेकिन आपने तो फेमस कर दिया। पुलिस ने बताया कि ये बदमाश जेब खर्च के लिए शौकिया तौर पर बाइक चोरी करते थे।

वाट्सएप पर चला रहे थे असलहे की दुकान

गोला थाने की पुलिस ने 10 जनवरी को तीन युवकों को 3 तमंचे के साथ अरेस्ट किया। तीनों युवकों के पकड़े जाने के बाद एक बड़ी गैंग का खुलासा हुआ। ये गैंग वाट्सएप पर असलहे की दुकान चला रहे थे। डी कंपनी, गैंगेस्टर, महाकाल, एके 47, गुंडों का रूम जैसे नाम से आधा दर्जन वाट्सएप ग्रुप बनाए थे। करीब 20 से 22 साल के तीनों युवकों ने बताया कि गोरखपुर में उज्जैन से असलहा मंगाया जा रहा है। इन युवकों पर पहले कोई केस भी नहीं दर्ज हैं। इन युवकों ने बताया कि शॉर्ट कट पैसे कमाकर अपना शौक पूरा करना चाहते हैं।

महबूबा की खातिर 6 लूट

शाहपुर पुलिस ने 16 दिसंबर को 2 लुटेरों को अरेस्ट किया। इन लुटेरों ने एक दिन में कुछ ही घंटो में शाहपुर में 6 लूट की घटना को अंजाम दिया था। पकड़े जाने के बाद इन बदमाशों ने बताया कि गर्लफ्रेंड को गाड़ी से घुमाने और गिफ्ट देने के लिए उन्होंने लूट की घटना को अंजाम दिया।

डॉन बनने की चाहत में युवा अपराध के दलदल में फंस रहे हैं। ये सब फिल्मों में इंटरटेनमेंट के लिए सही होता है। इसे वास्तविक जिंदगी में उतराने की कोशिश करेंगे तो जेल की हवा खानी पड़ेगी। सक्सेज का कोई शार्ट कट नहीं होता है।

मनोज कुमार अवस्थी, एसपी नॉर्थ