गोरखपुर (ब्यूरो).बनारस के इंग्लिशिया लाइन के रहने वाले विशाल गुप्ता ने बताया कि पढ़ाई के दौरान उन्हें बहुत स्ट्रगल करना पड़ा। उनके पिता रामजी गुप्ता की कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर पान की गुमटी है। करीब पचास साल से विशाल के पिता पान की गुमटी लगा रहे हैं। उससे जो भी कमाई होती थी, उससे पूरे परिवार का खर्चा निकाल पाना बहुत मुश्किल होता था। इसके बाद भी उनके पिता दिन-रात मेहनत करके परिवार चलाते थे।

मां का मिला सपोर्ट

विशाल ने बताया कि वो परिवार में सबसे छोटे हैं। उनसे बड़े उनके भाई और बहन हैं। विशाल बचपन से ही पढऩे में अव्वल थे। इसलिए उनकी मां गीता गुप्ता चाहती थीं कि उनका बेटा खूब पढ़े। विशाल ने बताया कि मां घर खर्च से पैसे बचाकर उनकी पढाई में लगाती थीं। वहीं, पिता का भी हर जगह सपोर्ट मिला।

सबसे पहले बीसीए के बने टॉपर

मां-बाप के कठिन परिश्रम का फल सबसे पहले विशाल ने वाराणसी में पढ़ाई के दौरान बीसीए टॉप करके दिया। बीएसए टॉप करने के बाद विशाल ने एमसीए कोर्स के लिए एंट्रेंस के थ्रू गोरखपुर के एमएमएमयूटी में एडमिशन लिया। साल 2019 में वो गोरखपुर पढऩे आए।

छह सेमेस्टर के टॉपर हैं विशाल

पढ़ाई के दौरान विशाल गुप्ता ने अपनी मेहनत और लगन से एमएमएमयूटी प्रोफेसर्स और स्टूडेंट्स को भी चौंका दिया। एमसीए की पढ़ाई के दौरान लगातार विशाल गुप्ता छह सेमेस्टर में टॉपर बने। उन्हें एमसीए में 91.4 परसेंट माक्र्स मिले हैं।

टीसीएस में जॉब

विशाल को उनके टैलेंट की बदौलत 4.15 लाख पैकेज पर टीसीएस में जॉब मिली है। अब विशाल दिल्ली में जॉब करेंगे। वहीं कुछ साल पहले उनके भाई राहुल गुप्ता को भी पुणे की विप्रो कंपनी में जॉब मिली है। विशाल का कहना है कि अब घर पर अपने मां बाप का हर शौक पूरा करना है।

शुरू करेंगे अपना स्टार्टअप

विशाल ने बताया कि उनका सपना था एक दिन वो इंजीनियर बनें। अभी वो जॉब कर रहे हैं। आगे चलकर विशाल खुद का स्टार्टअप शुरू करेंगे। विशाल ने बताया कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का स्टार्टअप शुरू करेंगे।