-एडिशनल डायरेक्टर बेसिक ने दिया आदेश

-स्कूल में बच्चों को पीटा तो जांच के बाद होगी कार्रवाई

-गोरखपुर, बस्ती मंडल के सभी प्राइमरी स्कूल में होगा लागू

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : आंध्र प्रदेश में एक विजुअली चैलेंज्ड बच्चे को बेरहमी से पीटने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि कोलकाता में प्राइवेट ट्यूटर ने एक बच्ची को पीट दिया। सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया में भी इसका वीडियो वायरल हो गया। ऐसा मामला गोरखपुर में न हो, इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पहले ही प्रयास शुरू कर दिया है। स्कूल में बच्चों को पीटना या सजा देना अब आसान नहीं होगा। बच्चों को मारने वाले टीचर के खिलाफ न सिर्फ जांच कराई जाएगी बल्कि दोषी पाए जाने पर एक्शन भी लिया जाएगा। लगातार बच्चों को मारने की मिल रही कंप्लेंट के बाद एडिशनल डायरेक्टर बेसिक ने यह आदेश दिया है। यह आदेश जल्द गोरखपुर और बस्ती मंडल के बीएसए समेत सभी जिलों के स्कूल प्रबंधक तक पहुंच जाएगा।

ऐसे तो शिक्षा से ही दूर हो जाएंगे

पढ़ाई और अनुशासन के नाम पर कई स्कूल के टीचर बच्चों की निर्ममता से पिटाई कर देते हैं। जिसके बाद बच्चे की पढ़ाई का लेवल सुधरने के बजाए और खराब हो जाता है। क्योंकि टीचर के डर से बच्चा स्कूल जाने से भी कतराने लगता है। इसलिए शारीरिक दंड बच्चों का एजुकेशन लेवल सुधारने के बजाए उसे खत्म कर रहा है। पिछले एक साल से लगातार बच्चों को मारने की कंप्लेंट आ रही थी। जिसके बाद पैरेंट्स का कहना होता था कि बच्चा स्कूल जाना तो दूर पढ़ने से भी कतरा रहा है। बच्चों के फ्यूचर को ध्यान में रखते हुए बाल संरक्षण अधिनियम के तहत सजा देने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। अब किसी भी स्कूल के पैरेंट्स या स्टूडेंट अगर पिटाई या सजा देने की कंप्लेंट करते हैं तो शिक्षा विभाग उसके खिलाफ जांच करेगा। जांच में दोषी पाए जाने पर टीचर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

गोरखपुर और बस्ती मंडल के सात जिलों के बीएसए और सभी स्कूल के प्रबंधकों को आदेश दिया गया है कि टीचर बच्चों को किसी भी प्रकार का शारीरिक दंड नहीं देगा। अगर कंप्लेंट मिली तो जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।

आरपी पाल, एडिशनल डायरेक्टर, बेसिक, गोरखपुर बस्ती मंडल