गोरखपुर (ब्यूरो)। ईस्ट यूपी में होने वाली बीमारियों को लेकर शासन-प्रशासन बेहद संजीदा है। बीमारियों पर रिसर्च के लिए अब हेल्थ डिपार्टमेंट कवायद शुरू कर दी है। गोरखपुर जिले से मल्टीडिसिप्लिनरी यूनिट के लिए एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) में आवेदन किया था। बीते आठ दिसंबर को रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) के इनॉगरेशन के दौरान मौजूद रहे आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ। बलराम भार्गव से एम्स की निदेशक डॉ। सुरेखा किशोर और बीआरडी के प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार ने मुलाकात की थी। दोनों ने इस यूनिट का प्रस्ताव महानिदेशक को सौंपा था।

सवा-सवा करोड़ में खरीदे जाएंगे इक्विपमेंट्स

आईसीएमआर देश में हर साल छह बड़े शैक्षणिक संस्थानों में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट की शुरुआत करता है। आमतौर पर प्रदेश हर साल एक संस्थान में इस यूनिट की मंजूरी मिलती है। इस बार पहली बार ऐसा हुआ है कि प्रदेश में एक साथ एक ही जिले में दो अलग-अलग संस्थानों को इसकी मंजूरी मिली हो। वहीं आईसीएमआर इस यूनिट की स्थापना के लिए दोनों संस्थानों को सवा-सवा करोड़ रुपए भी देगा। इस रकम का 80 फीसदी रिसर्च के लिए आवश्यक इक्विपमेंट्स की खरीद में खर्च करना होगा। यह यूनिट 2000 स्क्वायर फीट एरिया में संचालित होगी।

2017 से ही बीआरडी प्रशासन कर रहा था प्रयास

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार ने बताया कि इस यूनिट को पाने का प्रयास कॉलेज प्रशासन वर्ष 2017 से कर रहा था। वर्ष 2017 से हर साल इसके लिए आवेदन किया गया था। तब संसाधन पूरे नहीं थे। अब यह कमी दूर हो गई। यह बड़ी उपलब्धि है।

इस यूनिट में क्या है खास

- यह यूनिट आईसीएमआर की निगरानी में होगी।

- इस यूनिट में एक ही बीमारी पर एक साथ कई विभाग रिसर्च कर सकेंगे।

- वह बीमारी के अलग-अलग आयाम पर रिसर्च कर सकेंगे।

- यह यूनिट विभागों के आंतरिक समन्वय के आधार पर संचालित होगी।

- खास बात यह है कि इस यूनिट के जरिए किए जाने वाले प्रोजेक्ट का खर्च आईसीएमआर वहन करेगा।

- इस यूनिट के लिए प्रोजेक्ट की जानकारी के लिए इससे जुड़े दूसरी यूनिट से डाटा शेयर भी हो सकेगा।

- इससे देश के दूसरे हिस्से में उसी बीमारी के आंकड़े डॉक्टर्स को मिल सकेंगे।

मंजूरी मिलने के बाद ही होगा रिसर्च

- बीआरडी मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार ने बताया कि इस यूनिट की मंजूरी मिलते ही बीआरडी के शिक्षकों की टीम सक्रिय हो गई है।

- इस यूनिट को फॉर्मोकोलॉजी डिपार्टमेंट में स्थापित किया जा रहा है।

- प्रो। डॉ। जमाल हैदर को कोऑर्डिनेटर बनाया जाएगा।

- यूनिट के लिए चार रिसर्च प्रोजेक्ट भी तैयार हो गए हैं।

- उनका प्रस्ताव आईसीएमआर भेजा जाएगा।

- वहां से मंजूरी मिलने के बाद रिसर्च शुरू हो जाएगी।