गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके लिए एम्स गोरखपुर स्वास्थ्य मंत्रालय के एमओए पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। सीजीएचएस लाभार्थियों की सहुलियत के लिए एम्स में अलग काउंटर बनाया जाएगा। साथ ही काउंटर में भी अलग से व्यवस्था की जाएगी ताकि इलाज के खर्च को लेकर कोई प्रॉब्लम न रहे। लाभार्थियों को कोई प्रॉब्लम न हो इसके लिए वरिष्ठ अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाएगी। अभी एम्स में इलाज कराने वाले सीजीएचएस लाभार्थियों को खुद रुपए देने पड़ते थे। रुपए देने के बाद मिले बिल को एकत्र करना पड़ता था। डिस्चार्ज के समय डॉक्टर से बिल को वेरीफाई कराकर आवेदन करना पड़ता था।

ये है खास बातें

-सीजीएचएस लाभार्थियों की अन्य पात्र श्रेणियों के लिए ओपीडी, जांचों और इनडोर इलाज के लिए कैशलेस इलाज उपलब्ध होगा।

- संस्थान सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए क्रेडिट बिल जारी करेंगे और सीजीएचएस बिल प्राप्त होने के 30 दिन के अंदर पेमेंट करेगा।

-सीजीएचएस लाभार्थियों को एम्स में इलाज के लिए वैध सीजीएचएस लाभार्थी आईडी कार्ड प्रस्तुत करने पर ही भर्ती किया जाएगा।

- संस्थान में डॉक्टर्स द्वारा लिखी गई दवाएं, चाहे ओपीडी इलाज के लिए या छुट्टी के समय, सीजीएचएस के माध्यम से लाभार्थियों द्वारा एकत्र की जाएंगी।

-सीजीएचएस लाभार्थियों को अब एम्स संस्थान में स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचने के लिए रेफरल की जरूरत नहीं होगी।

एम्स में सीजीएचएस के लाभार्थियों के कैशलेस इलाज मिलना शुरू हो गया है। लाभार्थियों को परेशानी से बचाने के लिए अलग काउंटर और अन्य जरूरी व्यवस्था की जाएगी।

प्रो। सुरेखा किशोर, कार्यकारी निदेशक, एम्स