गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर सिविल लाइंस, बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन पर आने वाले लावारिस बच्चे, युवक व युवतियों के मिलने पर चाइल्डलाइन सीडब्लूसी के पास पेश करती थी, लेकिन यह सारी व्यवस्था अब बंद हो जाएंगी। नई व्यवस्था के तहत चाइल्ड हेल्प लाइन सेवा शुरू की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन व जिला प्रोबेशन कार्यालय की होगी।

शेल्टर होम तक पहुंचाने का करती थी काम

बता दें, रेलवे स्टेशन से अक्सर लावारिस बच्चे मिलते थे। आरपीएफ की मदद से चाइल्डलाइन की टीम उसकी पूरी काउंसिलिंग कर उसे शेल्टर होम और उनके घर तक पहुंचाने का काम करती थी। यही नहीं नवजात व मासूम बच्चों के मिलने पर भी उन्हें शेल्टर होम तक पहुंचाती थी, लेकिन अब यह सारे काम चाइल्ड हेल्प लाइन सर्विसेज के जरिए होंगे। इसके लिए 112 डायल पर कॉल कर सूचना देना होगा। पुलिस जाकर इनका रेस्क्यू करेगी। इन्हें जिला प्रोबेशन कार्यालय में तैनात टीम के माध्यम से उन्हें बाल संरक्षण विभाग तक पहुंचाया जाएगा।

41 कर्मचारियों की सेवा समाप्त

वहीं, सिविल लाइंस स्थित चाइल्डलाइन के को-आर्डिनेटर वीरेंद्र ने बताया कि उन्हें दो महीने पहले ही डिसमिस किए जाने का नोटिस दिया जा चुका है। सिविल लाइंस, रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन मिलाकर कुल 41 कर्मचारी बच्चों के रेस्क्यू से लेकर उनके काउंसिलिंग तक का काम करते थे, लेकिन 31 अगस्त तक ही सेवा में रहेंगे। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति के तहत संचालित होने वाले चाइल्ड लाइन पूरी तरह से खत्म हो गई है। उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन पर चाइल्ड लाइन की जगह चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 112 दर्ज किया जाएगा। इसके लिए आरपीएफ व जीआरपी की टीम स्थानीय पुलिस की मदद करेगी।