- सीजेडए की मंजूरी मिलने के बाद जानवरों को लाने की खुली राह

- अगले माह तक चिडि़याघर को हैंडओवर कर देगी कार्यदायी संस्था

GORAKHPUR: शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणी उद्यान (चिडि़याघर) के शुरू होने का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। सेंट्रल जू अथारिटी (सीजेडए) से वन्य जीवों को रखने की अनुमति मिलने के बाद जानवरों को लाए जाने की राह खुल गई है। अंतिम चरण में चल रहे निर्माण कार्य पूरा कर अगले माह के पहले पखवारे में ही कार्यदायी संस्था चिडि़याघर को वन विभाग को सौंप देगी। इसके बाद पशु-पक्षियों को लाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

पहले चरण में टाइगर और तेंदुआ सहित 109 जानवर लाए जाएंगे। इसके बाद चिडि़याघर को औपचारिक रूप से लोगों के मनोरंजन के लिए खोल दिया जाएगा। सोमवार को दिल्ली में हुई सीजेडए ने बोर्ड की जनरल मी¨टग में चिडि़याघर में जानवरों को रखे जाने की औपचारिक मंजूरी दे दी। केंद्रीय पर्यावरण तथा मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर ने सोमवार को ही ट्विट कर सीजेडए के मंजूरी देने की जानकारी दी थी। चिडि़याघर का निर्माण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उच्च प्राथमिकता में शामिल है। मुख्यमंत्री के विशेष रुचि लेने की वजह से चिडि़याघर के निर्माण में अपेक्षित तेजी भी दिखाई दी। करीब 95 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा होने के बाद करीब दो माह पहले सीजेडए की दो सदस्यीय टीम चिडि़याघर के दौरे पर आई थी। दो दिन तक निर्माण कार्य का जायजा लेने के बाद इस टीम ने शेर, टाइगर, चीता, भालू सहित कई बाड़ों के निर्माण में रह गई कमियों को दूर करने के निर्देश दिए थे। इन कमियों को दुरुस्त होने के बाद सीजेडए बोर्ड ने चिडि़याघर में जानवरों को रखने की मंजूरी दी है।

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सैनिटाइज करने के बाद लाए जाएंगे जानवर

कार्यदायी संस्था ने निर्माण कार्य पूरा कर 10 जनवरी तक चिडि़याघर को वन विभाग के हवाले करने का उम्मीद जताई है। जानवरों को लाने से पहले चिडि़याघर की सघन सफाई की जाएगी। इसके बाद अलग-अलग विधियों से चार चरण में सभी बाड़ों के साथ ही पूरे परिसर को सैनिटाइज किया जाएगा। सैनिटाइजेशन में विभिन्न रसायनों का प्रयोग करने के साथ ही लेजर विधि से भी परिसर को कीटाणुरहित बनाया जाएगा। सैनिटाइजेशन के बाद पूरे परिसर को कुछ दिन के लिए पूरी तरह से बंद रखा जाएगा। किसी को भी परिसर के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।

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चिडि़याघर के निर्माण का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है। कार्यदायी संस्था ने बहुत जल्द परिसर को वन विभाग के हवाले करने का भरोसा दिया है। सीजेडए ने जानवरों को रखने की मंजूरी दे दी है। परिसर को कार्यदायी संस्था के सौंपते ही जानवरों को लाए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

डॉ। योगेश प्रताप सिंह, पशु चिकित्सक, चिडि़याघर