गोरखपुर ब्यूरो।इसके साथ ही यूनिवर्सिटी ने क्यूएस इंडिया की रैंकिंग में भी टॉप 100 में जगह बनाई है। इस बार भी उसे क्यूएस इंडिया की रैंकिंग में 96-100 के बैंड में शामिल किया गया है। इससे पहले 2020-21 में गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने इंडिया के लिए जारी क्यूएस रैंकिंग सूची में पहली बार टॉप 100 में जगह बनाई थी। तब इसे 96वीं रैंक मिली थी।

इन पैरामीटर्स पर रैंकिंग

क्यूएस में एकेडमिक रेप्युटेशन, इम्प्लॉयर रेप्युटेशन, फैकल्टी-स्टूडेंट रेश्यो, प्रति पेपर साइटेशन, इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क, पेपर्स पर फैकल्टी, फैकल्टी स्टाफ विद पीएचडी, इंटरनेशनल स्टूडेंट्स, इंटरनेशनल फैकल्टी, इनबाउंड एक्सचेंज और आउटबाउंड एक्सचेंज के आधार पर रैंकिंग निकाली जाती है।

मेरठ यूनिवर्सिटी को 219वीं रैंक

क्यूएस की साउथ एशियाई रैंकिंग में उत्तर प्रदेश की कुल तीन स्टेट यूनिवर्सिटीजी को जगह मिली है। इसमें मेरठ यूनिवर्सिटी (219वीं रैंक), लखनऊ यूनिवर्सिटी (238वीं रैंक) और गोरखपुर यूनिवर्सिटी (258वीं रैंक) को इसमें जगह मिली है। इस बार क्यूएस साउथ एशिया रैंकिंग में कुल 280 हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस को रैंकिंग दी गई है। इसमें पहली बार इंडिया की कुल 148 यूनिवर्सिटीज ने जगह बनाई है। डीडीयूजीयू ने ओवरऑल 258वीं और इंडिया रैंकिंग में टॉप 100 में जगह बनाई है।

बढ़ेंगे इंटरनेशनल स्टूडेंट्स

क्यूएस की साउथ एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में जगह बनाने के बाद गोरखपुर यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स का अट्रैक्शन बढ़ेगा। इंटरनेशनल स्टूडेंट्स किसी भी इंस्टीट्यूट की इंटरनेशनल रैंकिंग देखने के बाद ही एडमिशन लेते हैं। इस रैंकिंग से उत्साहित डीडीयूजीयू अब इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन (आईसीसीआर) के इम्पैनलमेंट में शामिल होने के लिए जल्द अप्लाई करेगा। आईसीसीआर के जरिए ही इंटरनेशनल स्टूडेंट्स भारत में पढऩे आते हैं। वहां से उनके सब्जेक्ट और इंटरेस्ट के हिसाब से उन्हें इंस्टीट्यूशन अलॉट किए जाते हैं।

आईसीसीआर करेगा स्कॉलरशिप की व्यवस्था

इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के आने पर उनके स्कॉलरशिप की व्यवस्था आईसीसीआर की ओर से की जाती है। करीब सभी देश विदेशों में पढऩे वाले अपने स्टूडेंट्स के लिए फंडिंग करते हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी अब इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को आकर्षित करने का खाका तैयार कर रही है। यूनिवर्सिटी में अब लैंग्वेज सपोर्ट सिस्टम भी डेवलप किया जाएगा।

यूनिवर्सिटी के टीचर्स, स्टूडेंट्स और कर्मचारियों में बहुत पोटेंशियल है। ग्लोबल रैंकिंग में जाने की दिशा में यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इससे इंटरनेशनल लेवल पर गोरखपुर यूनिवर्सिटी की इमेज बनेगी।

प्रो। पूनम टंडन, वीसी, डीडीयूजीयू