गोरखपुर (ब्यूरो)। एसएसपी ने कहा कि इलेक्शन को देखते हुए सौ फीसदी असलहा जमा कराने का टारगेट रखा गया है। यदि कोई लापरवाही सामने आती है संबंधित लाइसेंस होल्डर के खिलाफ डीएम को पत्र लिखकर जानकारी दी जाएगी। उनका लाइसेंस कैंसिल कराने को कहा जाएगा।

बना रहे बहाने, ना जाना पड़े थाने

जिले में असलहा न जमा कराना पड़े। इसको लेकर लोग प्रशासनिक अधिकारियों का चक्कर लगा रहे हैं। दो या अधिक लाइसेंस रखने वाले परिवारों में महज एक असलहा जमा कराने की दुहाई दी जा रही है। लोग किसी न किसी बहाने से थाने जाने से बचने की जुगत लगा रहे हैं। हालांकि इस बार किसी को भी राहत न देते हुए भी के असलहे अनिवार्य रूप से जमा कराए जा रहे हैं। दुकान और थानों का विकल्प भी दिया गया है। दुकानों पर असलहा जमा कराने के बाद उसकी रसीद थाने पर दिखानी होगी। इसके बाद ही राहत मिल सकेगी।

डीएम दे सकते हैं अनुमति

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि किसी भी वजह से असलहा न जमा कराने के संबंध में डीएम आदेश दे सकते हैं, लेकिन इसके लिए कमेटी की संस्तुति आवश्यक है। आदेश दिखाने के बाद ही लाइसेंस होल्डर से तगादा नहीं किया जाएगा। हालांकि अभी तक डीएम ने किसी को इस तरह का आदेश नहीं दिया है। कोई न कोई वजह बताकर लोग असलहा जमा कराने से परहेज कर रहे हैं। अधिकांश लोगों ने बीट कांस्टेबल, हलका दरोगा को बताया है कि वह बाहर हैं। लौटते ही अपनी बंदूक जमा करा देंगे। इसलिए 18 जनवरी तक महज 12 हजार असलहे ही जमा हो पाए थे। एसएसपी ने कहा कि असलहा संबंधी कार्रवाई की समीक्षा की जा रही है।

इस तरह के बहाने बना रहे लोग -

- जान का खतरा बताकर असलहा साथ रखने की दलील

- बिजनेसमैन होने की वजह से असलहा न जमा कराने की मांग

- किसी के घर में शादी का कार्यक्रम है। इसलिए उसे सुरक्षा की दरकार है।

- किसी के पास दो लाइसेंस हैं। ऐसे में वह एक लाइसेंस पर असलहा साथ रखना चाहते हैं।

- प्रापर्टी के विवाद, चुनाव की रंजिश, नकदी की सुरक्षा सहित अन्य कारण लोग बता रहे हैं।

गोरखपुर में हैं 22979 लाइसेंसी आम्र्स

जिले में कुल करीब 22979 लाइसेंसी आम्र्स हैं, जिनको जमा कराने पर जोर दिया जा रहा है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद करीब 13 हजार असलहे जमा कराए जा चुके हैं। किस थाना क्षेत्र मे कितने असलहे नहीं जमा हुए हैं। इसके बारे में रोजाना मोबाइल फोन से भी कांस्टेबल और दरोगा जानकारी ले रहे हैं। बीट कांस्टेबल लोगों से असलहा जमा कराने पर जोर दे रहे हैं।

थाना असलहा जमा

तिवारीपुर 512 510

कोतवाली 1566 526

खोराबार 949 568

गोरखनाथ 923 562

शाहपुर 1344 374

राजघाट 946 547

रामगढ़ताल 516 268

कैंट 3976 750

गीडा 412 342

चिलुआताल 539 316

चौरीचौरा 477 420

झंगहा 798 620

पिपराइच 414 284

गुलरिहा 558 476

बांसगांव 1163 658

कैंपियरगंज 370 318

पीपीगंज 322 274

सहजनवां 672 480

बेलीपार 416 194

गगहा 1334 570

खजनी 710 544

सिकरीगंज 545 296

हरपुर-बुदहट 318 277

गोला 913 616

बड़हलगंज 1724 746

उरुवा 412 351

बेलघाट 380 352

विधान सभा चुनाव को देखते हुए असलहा जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। सभी बीट पुलिस आफिसर और हलका दरोगा की जिम्मेदारी है कि वह अपने एरिया में लाइसेंसी असलहा जमा कराएं। लापरवाही सामने आने पर संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी