गोरखपुर (ब्यूरो).शनिवार सुबह टीम सहजनवां, चौरीचौरा, भटहट, गोला, पिपराइच ब्लॉक एरिया के कई गांवों में पहुंची। जहां खेतों में जाकर फसल देखी और किसानों से मुलाकात कर बातचीत की। किसानों ने फसलों को दिखाया और पर्याप्त पानी न मिलने की वजह से फसल की हालत दिखाई। पर्याप्त पानी न मिलने से फसल झुलस सी गई है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी आरडी वर्मा ने बताया कि एक तो बारिश नहीं हो रही। उस पर पुरवा हवा फसलों को नुकसान पहुंचा रही है।

किसान बोले- पांच से छह बार चला चुके हैं पानी

टीम को किसानों ने बताया कि फसल बचाने के लिए खेत में पानी चला-चला कर थक गए हैं। इसके बाद भी फसल को लाभ नहीं हो रहा है। किसानों ने बताया कि इतना पानी देने के बाद भी आसार नहीं है कि धान की बालियों में दाने निकलें।

कैंपियरगंज तहसील में सबसे कम बारिश

सदर और बांसगांव तहसील छोड़ बाकी अन्य पांच तहसीलों में 40 परसेंट से भी कम बारिश हुई है। एक जून से 20 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार कैंपियरगंज में सबसे कम महज सात परसेंट यानी 54 मिमी बारिश हुई है। चौरीचौरा में भी महज 27 परसेंट बारिश हुई है। जबकि सहजनवां में 29, खजनी में 22 और गोला में 38 परसेंट बारिश दर्ज की गई है।

एक नजर में बारिश (मिमी। में)

माह ------ औसत बारिश -------- इस बार बारिश

जून ------- 171.7 ------------ 150.3

जुलाई ----- 397.4 ------------ 104.6

अगस्त ----- 319.5 ------------ 180.4

(नोट: अगस्त में बारिश के आंकड़े 20 अगस्त तक के हैं.)

शासन से आई टीम ने जिले में धान की फसल का जायजा लिया है। टीम के अनुसार जिले में करीब 57 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद होने का अनुमान है। टीम शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। जिन किसानों की फसल खराब है और बीमा है, उन्हें मुआवजा कंपनी से दिलाया जाएगा।

- अरविंद कुमार सिंह, डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर

बारिश न होने से धान की फसल सूख रही थी। कई किसानों की फसल सूख भी गई है। बारिश से उम्मीद है कि बची हुई फसलें बच जाएं। बारिश सब्जी की खेती के लिए भी लाभदायक है।

राधेश्याम, गगहा

अगर भरपूर बारिश नहीं हुई तो फिर फसल खराब हो जाएगी। वैसे भी इलाके में कई किसानों की फसलें सूख गई हैं। यह बारिश वरदान के रूप में आई है।

- संतोष कुमार मद्देशिया, चौरीचौरा

चौरीचौरा को सूखाग्रस्त घोषित करे सरकार : अजय कुमार

चौरीचौरा। चौरीचौरा एरिया में सामान्य से कम बारिश होने की वजह से किसानों पर संकट छा गया है। खेत में धान की फसल सूख रही है, उसे बचाने के लिए किसान डीजल खर्च कर ट्यूबेल से पानी चला रहे हैं। जो नाकाफी साबित हो रहा है। वहीं, दूसरी तरफ अपनी गाढ़ी कमाई खेत की जुताई, खाद, बीज तथा रासायनिक दवाओं के छिड़काव के लिए खर्च कर चुके हैं। ऐसे में पूरे क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करे। ये बातें समाजसेवी अजय कुमार सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा, इस सीजन में औसत से कम बारिश होने से धान की फसल खेत में सूख रही है। कुछ किसान तो ऐसे हैं जो अपने खाने के गेहूं और चावल को बेचकर डीजल खरीदकर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं।

सूखे को लेकर आज होगी बैठक

गोरखपुर। सूखे को लेकर रविवार को सर्किट हाउस सभगार में समीक्षा बैठक होगी। इसमें आपदा प्रबंध प्राधिकरण की ओर से समय-समय पर दिए गए निर्देशों के क्रम में की गई कार्यवाही पर ले। जनरल रविंद्र प्रताप शाही उपाध्यक्ष, उप्र राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण की अध्यक्षता में अफसरों से चर्चा की जाएगी। सुबह नौ बजे से होने वाली बैठक में जिला कृषि अधिकारी, उप निदेशक कृषि, सीएमओ, पुलिस अधीक्षक दक्षिणी समेत अन्य अफसर शामिल होंगे।