पहले सिर्फ बैंक रोड पर आते थे नजर

बांस से बना सामान बेचने वालों को बसफोड़वा कहा जाता है। सिटी के बिजी इलाकों में शुमार बैंक रोड पर इनका पूरी तरह से कब्जा है। एनक्रोचमेंट हटाने के अभियान का इनपर कोई असर नहीं पड़ता है। बुलडोजर के जाते ही ये वापस आकर जम जाते हैं। बैंक रोड के साथ ही इनका कुनबा जुबली रोड, मारवाड़ इंटर कालेज के पास, मेडिकल कालेज रोड, मोहद्दीपुर और देवरिया बाईपास तक फैला हुआ है। यूनिवर्सिटी चौराहे से लेकर मोहद्दीपुर के बीच पहले एक-दो दुकानें थीं लेकिन अब आधा दर्जन से अधिक ने कब्जा जमा लिया हैं। एक हफ्ते पहले मेडिकल रोड पर महराजगंज से आ रहे ट्रक की चपेट में आने से बसफोड़ की जान चली गई थी। इसके बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुली।

एनक्रोचमेंट हटाने के लिए टीम बनाई गई है। टीम के मेंबर सिटी में हर तरह के एनक्रोचमेंट को मार्क कर रहे हैं। एक अभियान चलाकर दोबारा एनक्रोचमेंट हटाया जाएगा।

गोपीकृष्ण श्रीवास्तव, डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर