-गोरखपुर जिले से दो नदियां उफान पर, लोगों में दहशत

-कई इलाकों में शुरू हुई कटान, बड़हलगंज मुक्तिपथ के पास कटान तेज

-एल्गिन ब्रिज में पार हुआ लाल निशान, वहीं तुर्तीपार में वॉनिंग लेवल क्रॉस

GORAKHPUR: बारिश के साथ ही अब शहर में बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। जगह-जगह नदियां उफान पर आने लगी हैं, जिसकी वजह से गांव और नदियों के आसपास रहने वाले लोगों के दिलों में खौफ पैदा होने लगा है। तुर्तीपार और एल्गिन ब्रिज स्टेशन पर घाघरा लाल निशान से ऊपर चले जाने के बाद अब कम होने लगी है। जिस तरह से मौसम के तेवर हैं, उससे जिम्मेदार भी दहशत में हैं।

कई जगह शुरू हुई कटान

मौसम के फेवरेबल रुख की वजह से बारिश तो अच्छी हो रही है, लेकिन इससे बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। राप्ती और घाघरा के उफान पर आने की वजह से कई जगह कटान तेज हो गई है। घाघरा नदी के बढ़ते वॉटर लेवल की वजह से बड़हलगंज के मुक्तिपथ पर खतरा मंडराने लगा है। यहां बना शवदाह प्लेटफार्म व गैसीफायर शवदाह स्थल कटान की जद में आ गए हैं, जिससे लोगों में दहशत और जिम्मेदारों से उन्होंने इसकी शिकायत की है। मुकामी लोगों की मानें तो बढ़ते जलस्तर के कारण मुक्तिपथ पर शवदाह के लिए बनाए गए 40 प्लेटफार्म में से 33 नदी में डूब चुके हैं। सात प्लेटफॉ‌र्म्स पर शवदाह का काम हो रहा है। इसमें से चार और प्लेटफॉ‌र्म्स पर खतरा मंडरा रहा है।

डरा रहा है एल्गिन िब्रज स्टेशन

गोरखपुर के आसपास पांच स्टेशन हैं, जो तय करते हैं कि गोरखपुर में बाढ़ की स्थिति क्या होगी। इसमें से तीन तो फिलहाल वॉर्निग लेवल से काफी दूर हैं, लेकिन दो ऐसे स्टेशन हैं, जो लोगों को डरा रहे हैं। इसमें एल्गिन ब्रिज ने तो सबकी नींद उड़ा रखी है। यहां घाघरा वॉनिंग लेवल 105 मीटर पर है, जबकि 106 मीटर पर यहां लाल निशान बना है। जबकि छह जुलाई को यहां जो पानी 105.3 यानी वॉनिंग लेवल से ऊपर पहुंच चुका था, अब लाल निशान पार कर 106.05 पर बह रहा है। देर शाम इसमें गिरावट शुरू हो गई थी, लेकिन बारिश होने की वजह से लोग अब भी काफी डरे हैं।

तुर्तीपार में वॉनिंग लेवल पार

गोरखपुर का एक और अहम स्टेशन तुर्तीपार भी खतरनाक इशारा कर रहा है। यहां छह जुलाई को घाघरा का वॉटर लेवल 61.700 था, जो तीन दिन में बढ़कर 63.25 पर पहुंच गया है। जबकि यहां का वॉनिंग लेवल 63 है। इस वजह से यहां के आसपास के गांव और लोगों को काफी टेंशन हो गई है। वहीं बर्डघाट में राप्ती और त्रिमोहिनीघाट में रोहिन अभी वॉर्निग लेवल से काफी नीचे बह रही है, इससे यहां के लोगों में अभी कोई खास डर नहीं है। लेकिन अगर घाघरा उफान पर रही तो दूसरी नदियों का पानी निकलने में दिक्कत होगी और आसपास के गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा। सहजनवां बाढ़ के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता है, यहां सहजनवां-डुमरियां बाबू बांध के सिसई गांव के पास बने ठोकर पर पानी का दबाव लगातार बढ़ने से मुश्किल खड़ी हो सकती है।

वर्जन

बड़हलगंज में कटान काफी खतरनाक है। शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है।

संजीव उपाध्याय, अफसर, सिंचाई विभाग

मुक्तिपथ पर कटान तेज हो गई है। इसकी सूचना अफसरों को दे दी गई है। उन्होंने व्यवस्था करना का आश्वासन दिया है।

महेश उमर, व्यवस्थापक, मुक्तिपथ