गोरखपुर (ब्यूरो)। वीसी प्रो। राजेश सिंह के ट्विटर अकाउंट से फोटो निकालकर जालसाज ने वॉट्सएप पर वह फोटो डीपी लगा ली। गुरुवार को दोपहर में यूनिवर्सिटी के तीन विभागाध्यक्षों के अलावा कुछ अन्य शिक्षकों को भी मैसेज भेजा और कुछ चीजों की डिमांड की। उसे अर्जेंटली भेजने को भी कहा। खुद को जरूरी मीटिंग में व्यस्त बताते हुए फोन न उठाने की बात कही। विभागाध्यक्ष को मैसेज पर संदेह होने पर उन्होंने वॉट्सएप नंबर को ब्लॉक कर दिया। तत्काल उन्होंने उस मैसेज का स्क्रीनशॉट लेकर शिक्षकों के वॉट्सएप ग्रुप में भी शेयर कर दिया।
पहले रजिस्ट्रार से मांग चुका है पैसे
इसके बाद अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो। अजय सिंह ने शिक्षकों को मैसेज जारी कर कहा कि 9919086534 मोबाइल नंबर के वॉट्सएप से वीसी की फोटो लगाकर एक अंजान व्यक्ति मैसेज भेजकर कुछ डिमांड कर रहा है। यह नंबर वीसी का नहीं है, ऐसे में इन नंबर्स को गंभीरता से न लें। 29 जनवरी को यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से रजिस्ट्रार विशेश्वर प्रसाद की फोटो निकालकर भी वॉट्सएप पर लगाकर जालसाज ने यूनिवर्सिटी के कई शिक्षकों से अर्जेंट में पैसे मांगे थे। शक होने पर शिक्षकों ने रजिस्ट्रार को फोनकर यह बात बताई थी। रजिस्ट्रार ने उसी दिन साइबर क्राइम और कैंट थाने में तहरीर दी थी। साथ ही यूनिवर्सिटी के शिक्षकों, कर्मचारियों और कॉलेजों को भी उन्होंने आगाह कर दिया था कि कोई उनके नाम पर पैसे मांगे तो न दें। उस मामले में करीब एक हफ्ते बाद 4 जनवरी को कैंट थाने में केस दर्ज हुआ था