गोरखपुर (ब्यूरो)।सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझा बुझाकर मामले को शांत कराया गया। जानकारी के अनुसार तिवारीपुर थाना एरिया के सूरजकुंड निवासी वशिष्ठ सिंह की 9 माह की बेटी आर्या उर्फ बेबी को बुधवार को दस्त और शरीर में सूजन आने के कारण मेडिकल कॉलेज के पीडिया विभाग के 100 नंबर वार्ड में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान गुरुवार को डॉक्टर्स ने ब्लड चढ़ाने को कहा। परिजनों ने गोरखनाथ अस्पताल से ब्लड लाकर दिया।

रुक गया था ब्लड

उसी रात को ब्लड चढ़ाते समय थोड़ी देर बाद ब्लड रुक गया था, तो परिजन डॉक्टर से बोले कि ब्लड रुक गया है। चल नहीं रहा है। तब डॉक्टरों ने कहा कि यह हमारा काम नहीं है। सिस्टर का काम है, जब सिस्टर के पास गए तो सिस्टर ने कहा कि इतने बड़े वार्ड में केवल दो ही स्टाफ की ड्यूटी है। जब समय मिलेगा तब तुम्हारी समस्या देखेंगे। फिर डॉक्टर के पास गए तो डॉक्टरों ने कहा कि तुमको जल्दी है तो डिस्चार्ज करवाकर प्राइवेट लेकर चले जाओ। तब परिजन बोले कि हम प्राइवेट में क्यों लेकर जाएं? आप लोग किसलिए हैं? लगभग डेढ़ घंटे बाद सिस्टर ने ड्रिप पाइप ठीक की तो ब्लड दुबारा शुरू हुआ।

एक घंटे बाद दी जानकारी

शुक्रवार सुबह 5 बजे तक बच्ची की तबीयत ठीक थी। थोड़ी देर बाद ऑक्सीजन लगा दी और एक घंटे बाद डॉक्टर्स ने कहा कि अब तुम्हारी बच्ची नहीं रही। इस पर परिजन आरोप लगाने लगे कि आप लोगों की लापरवाही के कारण बच्ची की मौत हुई है। परिजनों ने जमकर हंगामा किया। सूचना पर पुलिस पहुंची और समझा बुझाकर शव को बाहर निकाला गया। परिजनों ने मुख्यमंत्री जनता दरबार में शिकायत करने की बात कही है।