गोरखपुर (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट को नोटिस की कॉपी भेजने के बाद यह पीड़ा चिलुआताल एरिया के बैजनाथपुर, रायगंज टोला निवासी राजेंद्र ने बताई है। उनका कहना है कि कांस्टेबल अरविंद कुमार सिंह की तरफ से यह नोटिस दी गई है। जिले का यह पहला मामला नहीं है जिसमें पुलिस कर्मचारियों की मनमानी नजर आई हो। इसके पहले भी कई केस सामने आ चुके हैं।

पाबंदी के आदती करा रहे जमानत

विधानसभा चुनाव में अशांति फैलाने वालों की तलाश में पुलिस कर्मचारियों ने घोर लापरवाही की। कहीं दिव्यांग तो कहीं सीनियर सिटीजन को पाबंद कर दिया। नोटिस पहुंचने पर लोगों को इसकी जानकारी हो रही है। चिलुआताल पुलिस की करतूत से दिव्यांग और उनकी फैमिली परेशान हो रही है। यह पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व हरपुर बुदहट सहित अन्य जगहों पर मनमानी की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। इलेक्शन में पाबंद किए गए लोग नोटिस लेकर तहसीलों का चक्कर काट रहे हैं। जो पूर्व में भी पाबंद हुए हैं। ऐसे लोग चुपचाप जमानत करा ले रहे हैं, लेकिन तमाम लोग पहली बार इस खेल में फंसे हैं। इसलिए वह लोग इस सवाल का जवाब तलाशने में ही परेशान है कि अखिर उन्होंने किया क्या है? उनको बताया जा रहा है कि इलेक्शन में शांति बनाई रखिए। चुनाव के बाद समस्या खत्म हो जाएगी।

जिसे चाहा उसे ही कर दिया पाबंद

चुनाव के पहले पुलिस की कार्रवाई तेजी से चलती है। बीट कांस्टेबल को इसकी जिम्मेदारी जाती है। टारगेट पूरा करने के चक्कर में जिम्मेदार कांस्टेबल किसी का भी नाम-पता नोट कर लेते हैं। दिसंबर माह में रेलवे स्टेशन पर रोड पर ठेला लगाने वाले कई लोगों को पाबंद करने की बात सामने आई थी। बताया जाता है कि कोतवाली के अलीनगर निवासी धीरज कुमार, राजघाट के रायंगज निवासी हरिशरन गुप्ता, रामगढ़ताल निवासी गुलाब, खोराबार के कुसम्ही बाजार निवासी प्रमोद, गोला के देवकली निवासी मोनू गुप्ता, गोरखनाथ के हुमायूंपुर निवासी सईद अहमद, मिर्जापुर जिले के मिर्जापुर निवासी सूरज, शाहपुर के बिछिया निवासी मो। आरिफ, कोतवाली के इस्माइलपुर निवासी कबीर अहमद, कुशीनगर के जरहाबाजार निवासी कृष्णा सहित कई लोगों ने बेवजह चालान करने की बात कही थी।

बुजुर्ग और दिव्यांग को पाबंद करने पर हुआ है विरोध

जिले के कई थानों में पुलिस ने दिव्यांग, बीमार और सीनियर सिटीजन को पाबंद किया है। जनवरी माह में हरपुर बुदहट एरिया के कटाईटीकर में 70 साल के भवनाथ मिश्र और 65 साल के गिरजेश मिश्र तथा वहीं बिगही के 71 साल के जगदीश, पैर से दिव्यांग ओमप्रकाश गुप्ता को पाबंद कर दिया था। इस कार्रवाई के विरोध में सूरज पांडेय, सुभाष राम आशीष, छोटेलाल, हरिकेश, यशवंत यादव, अमेरिकन, प्रकाश, ओम प्रकाश, नन्हे, पलधारी, स्त्रसेन, किशोर, स्तय प्रकाश, फूलचंद, रणजीत, सिकन्दर, रामप्रताप, कर्मवीर सहित अन्य लोगों ने पुलिस अधिकारियों से मिलकर कार्रवाई की गुहार लगाई थी।

इस वजह से आती प्रॉब्लम

लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान पुलिस कर्मचारी जब किसी को पाबंद करते हैं तो काफी लापरवाही बरतते हैं। चौराहे पर बैठे ही लोगों का नाम और पता नोट कर लेते हैं। कई बार पुराने मामलों, किसी अन्य शिकायत में चिन्हित किए गए लोगों का नाम भी नोट करके लेकर चले जाते हैं। जबकि रजिस्टर नंबर आठ से अपराधिक इतिहासवालों के नाम तलाशने होते हैं। फिर उनके पते पर तस्दीक कर पाबंद करना होता है। लेकिन इससे बचने के लिए पुलिस बस चुनाव में शांतिभंग की आशंका जताकर नाम नोट कर लेती है। हालांकि इस प्रकरण को लेकर डीआईजी गोरखपुर जे। रविन्द्र गौड़ ने मीटिंग में साफ तौर पर निर्देश दिया था कि पिछले दस साल से अपराध में शामिल रहे लोगों को ही पाबंद किया जाए। ऐसे लोगों की जिले में करीब 38 हजार होगी।