गोरखपुर (ब्यूरो)। शासन की ओर से जीडीए बोर्ड को यह ड्राफ्ट जल्द ही भेजा जाएगा। बोर्ड से इसे स्वीकति मिलते ही प्रकाशित कराया जाएगा। प्रकाशन के एक माह के भीतर आम लोग आपत्तियां एवं सुझाव दे सकते हैं। इन सुझावों के आधार पर परिवर्तन भी किया जाएगा। महायोजना 2031 आने के बाद शहर की कई अनधिकत कॉलोनियों के नियमित होने की संभावना भी बढ़ गई है।

भू उपयोग निर्धारण के लिए बनाई गई महायोजना 2031

जीडीए के पुराने क्षेत्रों एवं नए शामिल हुए करीब 250 गांवों में भू उपयोग निर्धारण के लिए महायोजना 2031 बनाई गई है। समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों के साथ बैठक व प्राप्त सुझावों के आधार पर महायोजना तैयार की गई। कुछ दिन पहले जीडीए सचिव की मौजूदगी में इसके ड्राफ्ट का प्रजेंटेशन शासन में दिया गया। इस ड्राफ्ट को शासन से लगभग मंजूरी मिल चुकी है। प्रमुख सड़कों के किनारे मिश्रित भू उपयोग दिया जा रहा है, जिससे कॉमर्शियल एवं आवासीय उपयोग किया जा सके। नए जुड़ रहे क्षेत्रों में भी स्थिति लोगों के अनुकूल रहने वाली है। यहां भी प्रमुख सड़कों के किनारे कॉमर्शियल भू उपयोग जबकि आबादी के आसपास आवासीय रखा जाएगा। तारामंडल क्षेत्र के कुछ ऐसे मोहल्ले थे जहां भू उपयोग पहले खुला स्थान था और वर्तमान में मकान बन चुके हैं, वहां भी आवासीय भू उपयोग किया जा रहा है।

शहर में हैं 153 से अधिक अनाधिकृत कॉलोनियां

शहर में 153 अनाधिकृत कॉलोनियां हैं। जीडीए से जुड़े लोगों की मानें तो इन कॉलोनियों को नियमित करने की तैयारी की जा रही है। इन कॉलोनियों के लोग लंबे समय से जीडीए एवं नगर निगम का चक्कर लगा रहे थे लेकिन कॉलोनियां नियमित नहीं हो पा रही थीं। नियमित कॉलोनी न होने के कारण यहां विकास कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। कॉलोनियां नियमित हुईं तो लोगों को तो राहत मिलेगी ही जीडीए की आय भी बढ़ेगी

जीडीए की नई महायोजना के ड्राफ्ट का प्रजेंटेशन शासन में किया जा चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही जीडीए बोर्ड को यह भेज दी जाएगी। ड्राफ्ट आने के बाद उसका प्रकाशन कराया जाएगा। प्रकाशन के बाद एक महीने के भीतर आपत्तियां एवं सुझाव मांगे जाएंगे और उसके अनुसार संशोधन किया जाएगा।

प्रेम रंजन सिंह, वीसी जीडीए