गोरखपुर (ब्यूरो)।वहीं सीएमओ ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित आरएमआरसी लैब के डायरेक्टर को लेटर लिखकर जीनोम सीक्वेंसिंग की मांग की है। लेकिन आरएमआरसी लैब की तरफ से अब तक जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैैंपल नहीं लिया गया है। यही वजह है कि अब तक इस बात का पता नहीं लग सका है कि आखिरकार गोरखपुर में जो तीन केसेज सामने आए हैैं। वे किस वैरिएंट का है।

गोरखपुर में तीन पॉजिटिव केस

गोरखपुर में रविवार को एम्स की नर्सिंग छात्रा कोरोना संक्रमित पाई गई। इसके साथ ही जिले में संक्रमितों की संख्या तीन हो गई है। इससे पहले जेल में दो बंदी संक्रमित पाए गए थे। एम्स की नर्सिंग की छात्रा को चार दिन से जुकाम-बुखार की समस्या थी। वह हॉस्टल में रहती है। शनिवार को उसे सहपाठी एम्स के मेडिसिन विभाग में इलाज कराने के लिए ले गए। जहां से कोविड जांच के लिए छात्रा को माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग भेजा गया। शनिवार को छात्रा का सैैंपल जांच के लिए लिया गया। रविवार को जांच रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव की आई।

2022 में 30 दिसंबर को आया था लास्ट केस

वहीं जेल में बंद दोनों संक्रमितों के नमूने जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नहीं भेजे गए हैैं। जबकि दोनों बंदी पिछले हफ्ते संक्रमित पाए गए थे। इस साल पहली बार जिले में कोरोना संक्रमण की तस्दीक हुई है। इसको देखते हुए हेल्थ डिपार्टमेंट ने दोनों संक्रमितों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने का फैसला किया है। बताया जा रहा है पिछले साल 30 दिसंबर के बाद से जिले मेें कोई नया संक्रमित नहीं मिला था। जेल में निरुद्ध होने वाले बंदियों की एहतियातन कोरोना जांच कराई जा रही थी। उसी जांच में दोनों बंदी संक्रमित मिले थे।

फैक्ट फीगर

अब तक गोरखपुर में कोरोना के केसेज - 68433

अब तक स्वस्थ की संख्या - 67561

अब तक कोरोना से हुई मौत - 866

एक्टिव केसेज की संख्या - 3

जीनोम सिक्वेसिंग का क्राइटेरिया है। जो पॉजिटिव केस आए हैैं, उनमें एम्स का एक केस हैैं, जिसके लिए हम लोग संपर्क कर रहे हैैं और दो जेल में केस आए हैैं, उसके लिए सीएमओ को सैैंपल भेजना होगा। उसके बाद जीनोम सिक्वेसिंग शुरू हो जाएगी।

- डॉ। अशोक पांडेय, वायरोलॉजिस्ट, आरएमआरसी