राज्य वित्त आयोग के सबसे अधिक हैं काम

वर्कऑर्डर न जारी होने से सबसे अधिक राज्य वित्त आयोग का काम फंसा है। राज्य वित्त आयोग के तहत होने वाले 350 कार्यों का वर्कऑर्डर अभी तक जारी नहीं हो पाया। इनमें सबसे अधिक रोड और नाली निर्माण का काम है।

योजना 2012 की पैसा आया 2013 में

जीएमसी के एक जेई का कहना है कि अक्टूबर 2012 में प्रदेश सरकार को 13वां अवस्थापना निधि का प्रस्ताव भेजा गया था। इस निधि से 18 कार्य होने थे, इनमें से 16 टेक्निकल प्रॉब्लम के कारण फंस गया। केवल दो काम का ही वर्कऑर्डर जारी हो पाया है। जेई ने बताया कि अक्टूबर 2012 में यह योजनाएं बनी थी, लेकिन पैसा 2013 में आया, जिससे कार्यों के स्टीमेट की लागत बढ़ गई। लागत बढऩे के कारण टेक्निकल प्रॉब्लम आ गई है। इसका भी उपाय निकाल लिया गया है। बढ़ी लागत का भुगतान बोर्ड फंड से किया जाएगा।

इस कारण जारी नहीं हो पाया वर्कऑर्डर

म्यूनिसिपल कमिश्नर राजेश कुमार त्यागी का कहना है कि वर्कऑर्डर जारी कर दिया जाता, लेकिन कई कार्यों में टेक्निकल प्रॉब्लम आ गई है। कुछ काम के केवल सिंगल या डबल टेंडर ही बिके हैं। ऐसे में इन कार्यों का किसी भी हाल में वर्कऑर्डर जारी नहंीं किया जा सकता है। अत: ऐसे कामों की फाइल आने के बाद देखा जाएगा और री टेंडर निकाला जाए या नहीं।

इन कामों को है वर्कऑर्डर का इंतजार

- 10 बड़े और छोटे ट्यूबवेल

- वार्ड नं 18, 55, 35, 54 में नाला निर्माण

- वार्ड नं 64 में संपवेल

- प्रत्येक वार्ड में 5 से 6 कार्य सड़क और नाली निर्माण का

म्यूनिसिपल कमिश्नर से बात की गई है। वर्कऑर्डर जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 15 फरवरी तक हर हाल में वर्कऑर्डर जारी कर दिया जाएगा।

जियाउल इस्लाम, डिप्टी मेयर

एक एक्सईएन और दो क्लर्क को लगाकर टेंडर की पत्रावलियों को तैयार किया जा रहा है। बहुत जल्द ही सारे कामों का वर्कऑर्डर जारी कर दिया जाएगा।

राजेश कुमार त्यागी, म्यूनिसिपल कमिश्नर