हॉस्पिटल आर्थो वार्ड में बेड डेली पेशेंट

बीआरडी 75 50

जिला अस्पताल 40 30

जिला महिला अस्पताल 20 15

-जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल व बीआरडी का हाल, केवल सीरियस पेशेंट्स ही किए जा रहे भर्ती

amarendra.pandey@inext.co.in

GORAKHPUR:

पेशेंट: डॉक्टर साहब, बाइक से गिर गए हैं। हाथ उठ नहीं रहा है।

डॉक्टर: हाथ उठाने की कोशिश कीजिए।

पेशेंट: नहीं उठेगा साहब। बहुत दर्द हो रहा है।

डॉक्टर: अच्छा एक्स-रे कराकर आइए।

(एक्स-रे में एल्बो में फ्रैक्चर डायग्नोस हुआ.)

डॉक्टर: आपका कच्चा प्लास्टर कर दे रहे हैं। लेकिन आपको ऑपरेशन करवाना पड़ेगा। इसके लिए आपको एडमिट भी होना पड़ेगा। लेकिन चेक करके आइए कि बेड खाली है भी या नहीं।

यह बातचीत दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर के सामने जिला अस्पताल के आर्थो ओपीडी में हो रही थी। सेवई बाजार के रहने वाले मुन्नर बाइक से गिर गए थे। इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे। लेकिन कच्चा प्लास्टर करके उन्हें वापस भेज दिया गया। वजह, जिला हॉस्पिटल का आर्थो वार्ड फुल है। मुश्किल की बात यह है कि बीआरडी और जिला महिला अस्पताल में भी ऐसा ही कुछ हाल देखने को मिला।

हर रोज आते हैं 25 से 30 केस

-दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर शुक्रवार को जिला अस्पताल पहुंचा।

-यहां हड्डी रोग ओपीडी में आर्थो सर्जन डॉ। वीपी सिंह इलाज कर रहे थे।

-उन्होंने बताया कि इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ी है।

-हर रोज फ्रैक्चर के करीब 25-30 पेशेंट्स आ रहे हैं।

-इनमें से 7-8 ऐसे मरीज हैं, जिन्हें एडमिट किया जा रहा है।

-चूंकि बेड फुल हैं इसलिए बेड अवेलिबिल्टिी और पेशेंट की सिचुएशन के बेस पर कॉल किया जा रहा है।

-जिला महिला अस्पताल में भी 20 बेड के वार्ड में सभी बेड फुल हैं।

बीआरडी के आर्थो में भी बेड नहीं

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के भी आर्थो वार्ड में जगह नहीं है। यहां आर्थोपेडिक्स वार्ड में तीन और चार नंबर वार्ड मिलाकर कुल 75 बेड हैं। आठ दिसंबर से ही बेड फुल चल रहा है। एक्सीडेंट के जो मामले आ रहे हैं, उन्हें भी कच्चा प्लास्टर चढ़ाकर वापस भेज दिया जा रहा है।

हाथ में फ्रैक्चर है। कच्चा प्लास्टर हो चुका है। डाक्टर को दिखाने आए हैं। अगर एडमिट के लिए बोलेंगे तब एडमिट होंगे। बेड खाली होगा तभी भर्ती करेंगे।

-अजय पांडेय, मरीज

सीढ़ी से उतरते समय चक्कर आ गया। गिर गए। पैर में फ्रैक्चर हो गया। एक्स-रे हुआ है। डाक्टर ने कच्चा प्लास्टर किया है। भगवान न करें यहां एडमिट होना पड़े।

-सूरज पांडेय, मरीज

सूरजकुंड से आए हैं। पर्ची बनवा लिए हैं। ओपीडी में डॉक्टर से दिखा भी लिए हैं। कूल्हे में बहुत दर्द है। एक्स-रे करवाने के बाद ही पता चलेगा क्या पोजीशन है।

-चंदा देवी, मरीज

शुगर, बीपी के साथ-साथ तेज बुखार है। दाहिने हाथ में दर्द है। तभी से भटक रहे हैं कि डॉक्टर साहब कहां मिलेंगे। कोई बताने वाला भी नहीं है कि कहां दिखाना है।

-शिमला देवी, मरीज

फ्रैक्चर के मरीज दूर-दराज से ज्यादा आते हैं। सभी को एडमिट करना मुमकिन नहीं है। बेड जैसे ही खाली होता है मरीज को एडमिट कराया जाता है। बेड खाली ही नहीं रहेगा तो कहां से एडमिट कराएंगे।

-डॉ। पवन प्रधान

एचओडी, ऑर्थो डिपार्टमेंट, बीआरडी मेडिकल कॉलेज

बेड फुल होने से दिक्कत तो आती है। हमारी कोशिश होती है कि प्रियॉरिटी पर सीरियस मरीजों को भर्ती कर लिया जाए। से दो दिन में बेड जब खाली हो जाता है तब उन्हें कॉल करके बुला लिया जाता है।

-डॉ। एसी श्रीवास्तव, एसआईसी, जिला अस्पताल