गोरखपुर (ब्यूरो).पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन बनाने के लिए साढ़े चार एकड़ जमीन की जरूरत है। हालांकि सर्वे की रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी। इससे यह तय हो गया है कि जल्द ही बस स्टेशन का निर्माण कार्य तेजी से शुरू हो जाएगा। इसके अलावा टीम राप्तीनगर और रीजनल कार्याशाला का भी निरीक्षण किया। इस दौरान आरएम पीके तिवारी मौजूद रहे।

छह साल से कायाकल्प की तैयारी

पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन के निर्माण की तैयारी छह वर्ष से हो रही है, लेकिन अभी तक किसी कंपनी या फर्म ने रूचि नहीं दिखाई। स्टेशन के नवनिर्माण पर लगभग 30 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। अब जाकर बस स्टेशन निर्माण का उम्मीद जगी है। रविवार को मुख्यालय लखनऊ के प्रधान प्रबंधक अजीत सिंह के नेतृत्व में इंजीनियर्स की टीम ने गोरखपुर बस स्टेशन का सर्वे किया।

वर्कशॉप का लिया जायजा

सर्वे के दौरान बस स्टेशन और पुराना वर्कशॉप का जायजा लिया। उन्हें ने आरएम पीके तिवारी से जमीन के बारे में जानकारी ली। हालांकि पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन बनाने के लिए साढ़े चार एकड़ जमीन की जरूरत है। जो कि गोरखपुर बस स्टेशन पर पर्याप्त है। गोरखपुर बस स्टेशन का सर्वे करने के बाद अब टीम सर्वे रिपोर्ट शासन के समक्ष प्रस्तुत करेंगी। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद मॉडल बस स्टेशन का निर्माण कार्य तेजी से शुरू होगा। इसके लिए मुख्यालय ने तैयारी शुरू कर दी है।

40 से 50 हजार लोग करते हैं आवागमन

गोरखपुर बस स्टेशन से प्रतिदिन डिपो से लगभग एक बहार बसें आवागमन करती हैं, जिसमें गोरखपुर डिपो की ही 184 हैं। इस बसों से 40 से 50 हजार लोग यात्रा करते हैं। बसों से रोडवेज को 20 से 25 लाख की कमाई होती है।

पहले से चल रही स्कीम

गोरखपुर डिपो के रेलवे बस स्टेशन को राजकोट मॉडल की तरह बनाने की स्कीम पहले से चल रही है। मॉडल बन जाने से पैसेंजर्स को अतिरिक्त बेहतर सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। वेटिंग हाल, प्रसाधन केंद्र, बिजली, पंखे और पानी के साथ ही घोषणा प्रणाली भी उच्चस्तरीय गुणवत्ता वाली हो जाएगी। पैसेंजर्स को स्टेशन पर ही खानपान, खरीदारी के अलावा होटल की भी सुविधाएं मिल जाएंगी।

पीपीपी मॉडल पर गोरखपुर बस स्टेशन बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्यालय के प्रधान प्रबंधक के नेतृत्व में इंजीनियर्स की टीम ने गोरखपुर बस स्टेशन का सर्वे किया है। रिपोर्ट जल्द ही शासन को सौंपा जाएगा। टेंडर फाइनल होने के बाद जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

- पीके तिवारी, आरएम गोरखपुर रीजन