- बिजली विभाग की नई मनमानी

- 150 यूनिट से कम खपत वाले घरों का दो माह में बिल निकाल रहे कर्मचारी

- प्रति कंज्यूमर 100 से 120 रुपए की हो रही एक्स्ट्रा वसूली

GORAKHPUR: शहर का बिजली विभाग निश्चित ही काफी चालाक है। लेकिन ये चालाकी विभाग के कर्मचारी अपने काम में नहीं बल्कि कंज्यूमर्स को मूर्ख बनाने में लगाते हैं। इस बार इन लोगों ने रेग्युलर कंज्यूमर्स की ही जेब पर डाका डाल दिया है। शहर में लगभग 25 हजार कंज्यूमर्स को एक साथ दो महीने का बिल मिला है जिसमें औसतन से 300 से 500 रुपए तक एक्स्ट्रा जोड़ दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक कर्मचारी वित्तीय वर्ष की समाप्ति का टारगेट पूरा करने के लिए मीटर स्लैब बिल का ये खेल शुरू किया गया है। कर्मचारियों की मनमानी का हाल ये है कि अब इन कंज्यूमर्स के यहां हर माह बिल ना निकाल कर दो या तीन माह का बिल निकाल रहे हैं।

केस नंबर-1

बिछिया के रहने वाले राजेश कुमार ने दो माह पहले बिजली बिल जमा कर दिया। लेकिन जब से फोटो वाली रीडिंग बिल हुआ है, उनके यहां दो माह में बिल आने लगा है। पहले वह 900 रुपए के लगभग बिल जमा करते थे लेकिन अब 1050 रुपए जमा करने पड़ रहे हैं। उन्होंने विभाग में पता किया तो बताया गया कि पहले उनके यहां 4.90 रुपए प्रति यूनिट चार्ज लगता था, लेकिन अब 5.60 रुपए प्रति यूनिट चार्ज लग रहा है।

केस नंबर 2

लालडिग्गी निवासी रिटायर्ड टीचर ओम शंकर जायसवाल भी बिजली विभाग की इस नई मनमानी व्यवस्था से परेशान हैं। उन्होंने बताया कि उनके यहां हर माह 130 से 140 यूनिट तक बिजली की खपत होती थी। इस हिसाब से हर माह लगभग 623 रुपए बिल बनता था। लेकिन अब उनके यहां दो माह पर बिल आने लगा है, जिस कारण उन्हें लगभग 1372 रुपए बिल देना पड़ रहा है। जबकि पहले दो माह का बिल 1246 रुपए ही बनता था। इस तरह उन्हें अब 126 रुपए एक्स्ट्रा पर मंथ देना पड़ रहा है।

कंज्यूमर्स को लग रहा चूना

विद्युत विनयामक आयोग की ओर से शहर में बिजली का मूल्य टैरिफ प्लान के अनुसार निर्धारत किया गया है। इसमें घरेलू कंज्यूमर्स को 150 यूनिट तक बिजली की खपत करने पर 4.45 रुपए प्रति यूनिट बिजली से चार्ज है और इससे अधिक और 300 यूनिट तक के लिए 4.90 रुपए है, लेकिन बिजली विभाग के बिजली बिल निकालने वाले कर्मचारी यहीं खेल कर दे रहे हैं। किसी के यहां अगर हर मंथ 200 से 210 यूनिट तक की बिजली खपत हो रही है। ऐसे में उनके यहां का बिल प्रत्येक माह 4.90 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से आएगा। लेकिन रीडर हर माह बिल न निकाल कर एक माह का गैप करके निकाल दे रहे हैं। इससे दो महीने की लगभग 400 यूनिट बिजली खपत के हिसाब से प्रति माह प्रति यूनिट चार्ज 5.60 रुपए हो जा रहा है। इस तरह जहां पहले एक माह का बिल 980 रुपए होना चाहिए, वहीं दो माह का बिल आ रहा है 2240 रुपए। इस तरह एक माह का बिल 1120 रुपए। इस तरह देखें तो कंज्यूमर्स को एक माह में 140 रुपए एक्स्ट्रा बिल देना पड़ रहा है।

फिक्स चार्ज - 100 रुपए प्रति किलो

यूनिट चार्ज

150 यूनिट - 4.45 रुपए

151 से 300 यूनिट - 4.90 रुपए

301 से 500 यूनिट - 5.60 रुपए

501 यूनिट से अधिक - 6.20 रुपए

कोट्स

बिजली विभाग का यह फॉर्मूला कंज्यूमर्स की जेब पर डाका डालने वाला है। बिजली विभाग के कर्मचारी अपना टारगेट पूरा करने के लिए यह योजना चलाते हैं। वहीं, अधिकारी केवल बकाए पर कनेक्शन काटने के लिए पब्लिक से बात करते हैं।

- संजय सिंह, व्यापारी

बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की मनमानी के चलते हर माह हजारों कंज्यूमर्स को एक्स्ट्रा बिल जमा करना पड़ता है। अगर इस पर रोक लगा दी जाए तो कंज्यूमर्स का एक साल में एक माह का पैसा बच जाएगा।

- अमरजीत गुप्ता, प्राइवेट सर्विसमैन