- नगर निगम की ओर से मूर्ति विसर्जन रूट पर तीन जगह लगाए जाएंगे जनरेटर

- रास्ते सहित विसर्जन स्थल पर एलईडी लाइट्स की भी होगी व्यवस्था

GORAKHPUR: नवरात्रि के बाद मूर्ति विसर्जन की व्यवस्थाओं को लेकर नगर निगम ने तैयारी कर ली है। नगर निगम अधिकारियों ने रविवार को मूर्ति विसर्जन के लिए राजघाट पुल और डोमिनगढ़ के आस-पास वैकल्पिक पोखरा बनाने के लिए स्थान का निरीक्षण किया। इस दौरान अफसरों ने दोनों जगह पर पोखरों के लिए जगह देखी। नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश सिंह ने बताया कि मूर्ति विसर्जन की तैयारी कर ली गई है। इस बार मूर्ति विर्सजन के स्थल और रूट पर नगर निगम की ओर से एलईडी लाइट की व्यवस्था की जाएगी। ताकि मूर्ति विसर्जन के लिए जाने वाले लोगों को कोई दिक्कत ना हो।

पूरे रूट पर रहेगा उजाला

नगर आयुक्त ने बताया कि मूर्ति विसर्जन को लेकर नगर निगम ने तैयारी पूरी कर ली है। नगर निगम की ओर से दुर्गा पंडालों के आस-पास सफाई, मार्ग पर रोशनी के लिए एलईडी लाइट की व्यवस्था करने के साथ ही बक्शीपुर, एक मिनारा मस्जिद और घंटाघर के पास जनरेटर लगाकर मूर्ति विसर्जन रूप पर उजाले की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा मूर्ति विसर्जन स्थल पर भी नगर निगम एलईडी लाइट से उजाला करेगा। इस बीच राजघाट, डोमिनगढ़ और महेसरा में नगर निगम की ओर से 100 से अधिक एलईडी हाईमास्ट लगाए जाएंगे।

मानक पर ही बनाए जाएं दुर्गा पंडाल

वहीं, दुर्गा प्रतिमा स्थापित करने के लिए बन रहे पंडालों के मानकों पर भी नगर निगम की ओर से नजर रखी जा रही है। अग्निशमन अधिकारी सत्येंद्र पांडेय ने बताया कि अगर किसी भी तरह की कोई प्रॉब्लम होती है तो टेलीफोन नंबर 100, 101, 0551-2333333, 9454418789, 9454418790, 9454418791, 9454418792, 9454418793, 9454418341 व स्थानीय थाने के किसी भी टेलीफोन नंबर पर तत्काल जानकारी दें।

ये हैं पंडाल के मानक

- पंडाल में अग्निसुरक्षा उपकरण लगे हों।

- पंडाल की ऊंचाई तीन मीटर से कम न हो।

- पंडाल के चारों तरफ तीन मीटर का खुला स्थान हो।

- पंडाल निर्माण में सिंथेटिक कपड़ा व रस्सी का इस्तेमाल न हो।

- पंडाल के निर्माण में केवल सूती कपड़ा, त्रिपाल व फायरप्रूफ कपड़ों का इस्तेमाल हो।

- बांस-बल्ली बांधने के लिए सूती, रेशमी व नारियल की रस्सी का इस्तेमाल हो।

- पंडाल में प्रवेश द्वार व निकास द्वार की ऊंचाई और चौड़ाई पांच मीटर से कम न हो।

- पंडाल में दो आकस्मिक द्वार का निर्माण किया जाए, जिसकी चौड़ाई तीन मीटर से कम न हो।

- पंडाल का निर्माण मजबूत बांस-बल्लियों से कराया जाए, जिसका प्रमाण पत्र लोक निर्माण विभाग द्वारा दिया जाएगा।

- पंडाल के आस-पास किसी प्रकार की आतिशबाजी नहीं जलाए जाए।

- पंडाल में प्रकाश व्यवस्था के लिए खुले तारों का इस्तेमाल न हो।

- पंडाल में हाइलोजन लाइट का प्रयोग नहीं होगा।

- पंडाल में प्रकाश व्यवस्था किसी लाइसेंस प्राप्त ठेकेदार से कराई जाए।

- पंडाल में 200 लीटर पानी, बालू और फायर बकेट की व्यवस्था की जाए

- पंडाल में जगह-जगह पर धूम्रपान निषेध बोर्ड लगाया जाए।