गोरखपुर (अनुराग पांडेय).गोरखपुर में एसएसपी के दफ्तर में पहले न्याय पाने के लिए फरियादियों की भीड़ लगी रहती है। वहीं इनके अलावा एडीजी, डीआईजी, एसपी सिटी, एसपी नार्थ, एसपी साउथ के पास भी फरियादियों का रेला लगा रहता था। वहीं पुलिस की सख्ती बढऩे और गोरखपुर के सभी 28 थानों में तत्काल सुनवाई कर एफआईआर की कार्रवाई करने से सभी अधिकारियों के ऑफिस में फरियादियों की संख्या घट गई है।

नौ दिन की कार्रवाई

अपराध पकड़े गए बदमाश

लूट 07

हत्या 02

हत्या का प्रयास 02

गैंगेस्टर 04

रेप 04

छिनैती 04

चोरी 22

बच्चा चोरी 07

अवैध असलहा 01

नशीला पदार्थ 07

मारपीट 04

छेड़खानी 04

नकबजनी 05

कच्ची शराब 03

नजायज चाकू 02

अपहरण 05

फर्जी मुकदमा 01

हिस्ट्रीशीट खोली 05

सजा 11

ठगी, धोखाधड़ी 05

डिजिटली भी मजबूत पुलिस

हम अगर यूपी कॉप की बात करें तो ऑनलाइन एफआईआर लिखने में भी पुलिस एक्टिव रही है। पूरे प्रदेश में ई एफआईआर का ग्राफ और पब्लिक का डिजिटल पुलिस पर विश्वास बढ़ा है। इसी तरह सभी विभाग ट्विटर पर भी एक्टिव हो चुके हैं। इसमे भी गोरखपुर पुलिस का रिस्पांस टाइम सबसे तेज है। जैसे ही कोई अपनी प्रॉब्लम सोशल मीडिया पर शेयर करता है, उसका जवाब गोरखपुर पुलिस तत्काल देती है। साथ ही उससे रिलेटेड थाने को भी इसकी सूचना देती है। ताकि उसकी जांच कर कार्रवाई करे।

पब्लिक अप्रूवल रेेटिंग सिस्टम का भी असर

पुलिस की सतर्कता परखने के लिए पब्लिक अप्रूवल सिस्टम भी शुरू किया गया है। जिसमे पब्लिक पुलिस के व्यवहार के बारे में फीडबैक देती है। इसके आधार पर पुलिस को रैंक दी जाती है। रैंक में पीछे रहने वाले थानेदारों पर कार्रवाई भी की जा रही है। इससे भी पुलिस की कार्यशैली में काफी सुधार आया है।

अपराधियों और अपराध करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। अपराधियों के केस में पैरवी कर उन्हें सजा भी दिलाई जा रही है। गैंग बनाकर अपराध करने वाले बदमाशों पर गैंगेस्टर लगाकर उनकी संपत्ति भी कुर्क की जा रही है। ये अभियान चलता रहेगा।

- कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी सिटी