गोरखपुर (ब्यूरो)।लिहाजा पेशेंट्स और अटेंडेंट को इससे सावधान होने की जरूरत है। सीएमओ ने भी कहा है, आप अपना और अपने परिवार वालों का इलाज कराने जा रहे हैं तो पहले हॉस्पिटल के सामने लगे बोर्ड पर 11 अंक का रजिस्ट्रेशन नंबर देखें। साथ ही रिसेप्शन पर पहुंच कर हॉस्पिटल, डॉक्टर्स के बारे में पूरी जानकारी हासिल करें, ताकि आपका बेहतर इलाज हो सके। यदि आशंका हो तो तत्काल फर्जीवाड़े की जानकारी हेल्थ डिपार्टमेंट को दें।

सीएमओ ऑफिस में आए 1200 आवेदन

जानकारी के अनुसार हेल्थ डिपार्टमेंट में हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, मेडिकल क्लीनिक, डाइग्नोस्टिक और पैथोलॉजी के लिए अप्रैल से लेकर अब तक लगभग 1200 आवेदन आए थे। इसमें से 887 का रजिस्ट्रेशन सीएमओ कार्यालय में हुआ। बचे 313 का रजिस्ट्रेशन आवदेन इंक्प्लीट, वैरिफिकेशन न होना, अग्निशमन और प्रदूषण का प्रमाण पत्र न होना और डॉक्टर का शपथ पत्र समय से न मिलने के कारण नहीं हुआ।

बोर्ड पर एमबीबीएस डॉक्टर का नाम, झोलाछाप कर रहे इलाज

विभागीय सूत्रों के अनुसार जिले में तकरीबन 350 अनरजिस्टर्ड हॉस्पिटल हैं। सभी जगह ओपीडी के साथ प्रसव भी कराते हैं। इन हॉस्पिटल के बोर्ड पर एमबीबीएस डॉक्टर्स के नाम तो अंकित हैं, लेकिन मरीजों का इलाज अनट्रेंड करते हैं। जिनके पास कोई डिग्री तक नहीं है। सूत्रों की मानें तो एमबीबीएस डॉक्टर ही हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन करा सकता है। ऐसे में कुछ लोग एमबीबीएस डॉक्टर की डिग्री लगाकर रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं, जिसके बदले में संबंधित डॉक्टर की ओर से हॉस्पिटल संचालक से महीने व साल में धनराशि वसूली की जाती है। जबकि प्रसव कराने के लिए महिला डॉक्टर का होना अनिवार्य है।

आशाओं की भी संलिप्तता

आशाओं को भले ही गर्भवती महिलाओं की देखरेख करने के लिए रखा गया हो, लेकिन मोटे कमीशन के लालच में आशाएं गर्भवती महिलाओं को बेहतर सुविधा का झांसा देकर फर्जी हॉस्पिटल में ले जाती हैं, जिससे उन्हें मोटी कमीशन मिलता है।

ये है सीएमओ की गाइडलाइन

- हॉस्पिटल और नर्सिंग होम के बोर्ड पर बड़े अक्षरों में सीएमओ ऑफिस का रजिस्ट्रेशन नंबर, उसके वैधता की तिथि साफ-साफ अंकित करें।

-हॉस्पिटल और नर्सिंग होम में कार्यरत सभी डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल आदि स्टाफ के नाम और मोबाइल नंबर सहित लिस्ट मुख्य द्वार पर ही ऐसे स्थान पर अंकित करें, जहां से आमजन देख सकें।

- पीसीपीएंडडीटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड सभी सेंटर बोर्ड लगाकर उस पर साफ अक्षरों में रजिस्ट्रेशन संख्या एवं वैधता अंकित करें। साथ ही अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टर का फोटोग्राफ मुख्य स्थान सहित अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर लिखें।

- गाइडलाइन का पालन करने के लिए अपने स्तर से संबंधित को सूचित करें।

अवैध हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, मेडिकल क्लीनिक, डायग्नोस्टिक और पैथोलॉजी सेंटर्स चलाने वाले पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। साथ ही इसमें संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कोई भी हो। हेल्थ विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी कर दी गई है। हॉस्पिटल के बाहर बोर्ड पर सीएमओ कार्यालय का रजिस्ट्रेशन नंबर, कार्यरत डॉक्टर का नाम और मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है।

डॉ। एके सिंह, डिप्टी सीएमओ

फैक्ट एंड फीगर

502 रजिस्टर्ड हॉस्पिटल, नर्सिंग होम

243- रजिस्टर्ड मेडिकल क्लीनिक

142-रजिस्टर्ड डायग्नोस्टिक और पैथोलॉजी सेंटर