गोरखपुर (ब्यूरो)। नेपाल ने 21 जनवरी से 26 फरवरी तक अनवरत 50 मेगावाट बिजली देने का अनुरोध किया था। भारत सरकार की अनुमति के बाद बिजली देनी शुरू कर दी गई।

सप्लाई में हुआ है सुधार

बिजली निगम ने सीमावर्ती जिलों में अपना वितरण नेटवर्क काफी मजबूत कर लिया है। महराजगंज के नौतनवां में पारेषण उपकेंद्र के निर्माण के बाद बिजली की सप्लाई में काफी सुधार हुआ है। कुछ दिनों पहले नेपाल ने सीमावर्ती जिलों में सप्लाई के लिए बिजली खरीदने का प्रस्ताव दिया था। इस पर मंथन के बाद बिजली देने पर सहमति बनी।

नेपाल को पहली बार बिजली की सप्लाई शुरू की गई है। 21 से 26 जनवरी तक 50 मेगावाट बिजली दी जाएगी। आगे का निर्णय बाद में लिया जाएगा। हमारा पारेषण और वितरण नेटवर्क लगातार सुदृढ़ हो रहा है। इसका फायदा उपभोक्ताओं को निर्बाध सप्लाई के रूप में मिल रहा है।

आशु कालिया, चीफ इंजीनियर, ट्रांसमिशन

जीआईएस के जरिए बिना ऑपरेटर के चलेंगे सबस्टेशन

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जिले के 40 सबस्टेशनों को करेगा अपग्रेड

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड जिले के 40 सबस्टेशनों को अपग्रेड करेगा। नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन एनएसजीएस के तहत सबस्टेशनों को जीआईएस आधारित किया जाएगा। इससे सबस्टेशन ऑटोमेटिक संचालित होंगे। सबस्टेशनों को चलाने के लिए किसी ऑपरेटर की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसका प्रस्ताव पूर्वांचल डिस्कॉम ने मुख्यालय को भेजा है।

शहर के 27 सबस्टेशन

ऊर्जा मंत्रालय के निर्देश पर स्मार्ट ग्रिड अपग्रेशन को लेकर अफसरों संग मीटिंग भी की थी। हालांकि आगरा और हैदराबाद में ऐसे कई सबस्टेशन है जो बिना ऑपरेटर के आपरेट हो रहे हैं। अब गोरखपुर में भी व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई जा रही है। इसमें शहर के 27 और ग्रामीण एरिया के करीब 13 सबस्टेशनों को जोड़ा जा सकता है। इसके लिए अभी सर्वे का कार्य होना है। सर्वे पूरा होने के बाद कार्य शुरू किया जा सकता है। यहां सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा सिस्टम के चार काम होंगे। अभियंताओं का कहना है कि नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन के तहत सबस्टेशनों को अपग्रेड करने की स्कीम है। अभी सर्वे होना है। प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। मंजूरी मिलते ही कार्य शुरू कराया जाएगा।

नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन के तहत सबस्टेशनों को जीआईएस किया जाना है। सर्वे के कार्य में अभी वक्त लग सकता है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद ही कार्य कराया जाएगा।

- ई। लोकेंद्र बहादुर सिंह, एसई शहर