गोरखपुर (ब्यूरो)। इसके लिए एम्स और निजी कंपनी नेफ्रोप्लस के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हो गया है। इसमें ईएसआरडी के मरीजों को बेहतर उपचार प्रदान किया जा सकेगा। डायलिसिस सेवा फरवरी से शुरू कर दी जाएगी। पूर्वांचल के नेपाल, बिहार और आसपास जिले में गुर्दा रोगों की संख्या दर तेजी के साथ बढ़ रही है। इस क्षेत्र में डायलिसिस यूनिट की जरूरत को देखते हुए एम्स डायलिसिस यूनिट को जल्द से जल्द शुरू करने का निर्णय लिया है।

नहीं मिल रहे नेफ्रोलॉजिस्ट

काफी समय से एम्स प्रशासन नेफ्रोलॉजिस्ट की तलाश में जुटा रहा, लेकिन विशेषज्ञ ये नहीं मिलने से डायलिसिस यूनिट नहीं चालू हो सका था। इसके चलते भर्ती मरीजों को प्रॉब्लम होती है और उन्हें डायलिसिस के लिए अन्य सेंटर्स में जाना पड़ता है। इसलिए एम्स प्रशासन ने डायलिसिस यूनिट का संचालन करने के लिए प्राइवेट कंपनी के हाथों में देने का निर्णय लिया, ताकि समय रहते मरीजों का उपचार किया जा सके। एम्स गोरखपुर ने अब निजी कंपनी नेफ्रो प्लस (पीपीपी) मॉडल में डायलिसिस सेवाएं शुरू करने की सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया है। बताया जा रहा है कि यह सेवा फरवरी माह से शुरू कर दी जाएगी।

साइन हुआ एमओयू

एम्स कार्यकारी निदेशक प्रो। डॉ। गोपाल कृष्ण पाल ने बताया कि डायलिसिस यूनिट चालू करने के लिए निजी कंपनी नेफ्रोप्लस के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह एक बड़ा कदम है लोगों को कम खर्च पर डायलिसिस सेवाएं प्रदान करने में काफी मदद मिलेगी। एम्स गोरखपुर ने इस क्षेत्र में जरूरतमंद लोगों के लिए सस्ती कीमत पर फरवरी के अंत तक डायलिसिस यूनिट शुरू करने की स्कीम बनाई गई है।