गोरखपुर (ब्यूरो)।न सिर्फ आवेदकों के पसीने छूट रहे, बल्कि डीएम आफिस में तैनात डाक सहायक बाबू के पास भी अचानक से आवेदकों की भीड़ बढऩे से दिक्कतें बढ़ गई हैं। वहीं, आवेदक ठेका पाने के लिए माननीय तक से जुगाड़ लगा रहे हैैं।

जितने का लाइसेंस शुल्क, उतने की बनेगी हैसियत

बता दें, देसी शराब की 328 दुकानों, विदेशी शराब की 118, बीयर की 113 व मॉडल शाप की 13 दुकानों का ई-लाटरी के जरिए अलॉटमेंट होना है। यह अलॉटमेंट डीएम आफिस से होना है। शराब, बीयर के दुकानों के ठेके लिए ज्यादातर दुकानों के रिन्यूवल प्रोसेज भी जारी हैं, लेकिन जिनके रिन्यूवल नहीं हुए हैैं और नए आवेदन हैैं, उनके हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने में पसीने छूट रहे हैैं। यह प्रक्रिया फरवरी माह में कंप्लीट कर लेनी है। दरअसल, आबकारी नीति के तहत एक साल में शराब या बीयर की दुकानों के जो ठेकेदार रिन्यूवल कराना चाहते हैैं, वह 10 प्रतिशत अतिरिक्त जमा कर रिन्यूवल करवा सकता है। लेकिन जो नए सिरे से आवेदन करना चाहता है। उसे अपने सारे प्रमाण पत्र नए सिरे से जमा करने होंगे। जिनके रिन्यूवल होने हैैं, उनके हैसियत प्रमाण पत्र में 10 प्रतिशत के हिसाब से चार्ज बढ़ाकर जमा करना होगा। शराब, बीयर व मॉडल शाप के आवेदकों को हैसियत प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। जितने का शुल्क होगा, उतने का ही हैसियत प्रमाण पत्र लगाया जाएगा।

रिपोर्ट लगवाने के लिए लगा रहे चक्कर

दरअसल, जो आवेदक डीएम आफिस में देसी शराब, विदेशी शराब व मॉडल शाप के लिए आवेदन करने आ रहे हैं। उनमें ज्यादातर नए आवेदक हैैं। उन्हें आवेदन करने में नियमों को फॉलो करना पड़ रहा है। आवेदक जहां आधार कार्ड, पैन कार्ड, इनकम टैक्स, शपथ पत्र, फोटो की जहां ऑनलाइन आवेदन करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आ रही है, लेकिन हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उन्हें क्षेत्र के लेखपाल, कानूनगो के हस्ताक्षर समेत तहसीलदार की रिपोर्ट लगवाने में नाको चने चबाने पड़ रहे हैं।

80 परसेंट टारगेट अचीव

जिला आबकारी अधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया, एक अप्रैल 2022 फाइनेंशियल ईयर में 1500 करोड़ लक्ष्य रखा गया था। इसका 80 प्रतिशत एचीवमेंट हो गया है। लेकिन नए वित्तीय वर्ष 2023-24 में लाइसेंस रिन्यूवल से 110 करोड़ रुपए आय की उम्मीद है।

फैक्ट फीगर

देसी शराब की दुकान - 328

अंग्रेजी शराब की दुकान - 118

मॉडल शाप - 13

बीयर की दुकान - 113

भांग - 21