गोरखपुर (ब्यूरो)। उन्हें कंप्यूटर साइंस से साइबर क्राइम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए कोर्सेज भी पढ़ाए जाएंगे। जेईई मेंस के थ्रू भी एडमिशन लिए जाने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके साथ कैंपस प्लेसमेंट के लिए देश की नामी कंपनियों के साथ एमओयू कर डिपार्टमेंट लेवल पर अलग से प्लेसमेंट सेल का गठन किया जाएगा, ताकि स्टूडेंट्स की एक अलग पहचान बन सके।

सीएस और आईटी की बढ़ेंगी सीटें

बता दें, गोरखपुर यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में बीटेक की पढ़ाई शुरू है। कंप्यूटर साइंस, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल इंजीनियरिंग व इलेक्ट्रानिक कम्यूनिकेशन की 75-75 सीटें हैैं। लेकिन कंप्यूटर साइंस और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के कोर्सेज में ज्यादा डिमांड होने के कारण इस वर्ष से 75-75 सीटें बढ़ा दी गई हैैं। वीसी प्रो। पूनम टंडन ने बताया, यूनिवर्सिटी कैंपस के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को वल्र्ड लेवल पर ले जाना है। इसके साथ ही सैमसंग हब फ्रेशर्स इनोवेशन हब बनाया जाएगा। इसके थ्रू फ्री कोर्सेज भी चलाए जाएंगे। इन कोर्सेज के जरिए इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को आज के इंडस्ट्रीज के हिसाब से तैयार किया जाएगा। इन्हें इंटर्नशिप के लिए नेपाल व दूसरे देशों में भी भेजा जाएगा।

हाईटेक लैब और एमटेक की पढ़ाई

वीसी ने बताया कि सैमसंग इनोवेशन की तरफ से सीएसआर फंड से ट्रेनिंग होगी। इसके लिए 72-75 घंटे की ट्रेनिंग कराई जाएगी। इसके लिए एमओयू होना बाकी है। स्टूडेंट्स के लिए मॉर्डन लैब बनाई जाएगी। जो वल्र्ड क्लास लैब होगी। इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल लेवल पर खुद को तैयार कर सकेंगे। वहीं, फैकेल्टी को और मजबूत करने के लिए चयन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू करने जा रहे हैं। इंजीनियरिंग से एमटेक की पढ़ाई भी शुरू कराई जाएगी। इसके लिए नाइलेट से एमओयू होगा।

प्लेसमेंट पर जोर

वीसी ने बताया, साफ्टवेयर कंपनी आर्कुट से एमओयू हो गया है। वहीं इंफोसिस कंपनी के उन्नति फाउंडेशन के साथ भी करार हो चुका है। 30-30 दिन की ट्रेनिंग कराई जाएगी। जो प्लेसमेंट के लिए तैयार करेंगे और उन्हें सेलेक्ट भी करेंगे। वहीं नीति आयोग के कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कंपनी की तरफ से स्टूडेंट्स की काउंसलिंग होगी।

जेईई मेंस के थ्रू दाखिले की कवायद

उन्होंने बताया, यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में जितनी सीटें हैैं, उन सीटों में 50 प्रतिशत सीटें डीडीयूजीयू और 50 प्रतिशत सीटें एकेटीयू के थ्रू भरी जाती हैैं। लेकिन ऑल इंडिया लेवल पर ले जाने के लिए इस बार जेईई मेंस के थ्रू भी दाखिला लिया जाएगा।