गोरखपुर (ब्यूरो)।जब स्थायी रैन बसेरे की जरूरत होगी तब वहां व्यवस्थाएं बहाल कराकर लोगों को सुविधा दी जाएगी।

नगर निगम की खूब हुई थी किरकिरी

कूड़ाघर को रैन बसेरे में तब्दील करने के बाद वहां कोई व्यवस्था न होने पर 27 दिसंबर को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने खबर प्रकाशित की तो नगर निगम की खूब किरकिरी हुई थी। इसके बाद निगम प्रशासन ने इसे स्थायी रैन बसेरे की सूची में न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ा था। बताया जा रहा है कि शनिवार को चुपचाप कर्मचारियों से लिखे हुए रैन बसेरे को मिटवा दिया गया। बता दें कि बनाए गए रैन बसेरे में तख्त की बात छोडि़ए, रजाई गद्दे तक नहीं थे। उसमें दिन भर पशु विचरण करते रहते थे। जब कोई रैन बसेरा लिखा देखता था तो उसके हाल को देखकर नगर निगम प्रशासन की व्यवस्था पर तरस आता था।

बाल विहार के कूड़ाघर रैन बसेरे की लिस्ट में शामिल नहीं था। उसकी साफ सफाई कराकर अस्थायी तौर पर रखा गया था कि जब जरूरत पड़ेगी तब इस्तेमाल किया जाएगा। फिलहाल उसकी जरूरत नहीं है।

अविनाश सिंह, नगर आयुक्त गोरखपुर