गोरखपुर (ब्यूरो)। जिसके चलते हीट वेव का कहर लगातार गोरखपुर मंडल में बढ़ता जा रहा है। धूप के साथ तेज गर्म हवा चल रही है। तपमी गर्मी और बहते लू के थपेडों से गोरखपुराइटस प्रॉब्लम में है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने चौराहों का रियलिटी चेक किया है जिसमें पाया है कि सिटी के मेन चौराहों पर कोई इंतजाम नहीं है

टाइम : 12:27 प्लेस: इंदिरा बाल बिहार

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम हीट वेव से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन के मुताबिक इंदिरा बाल बिहार पब्लिक प्लेस पर प्याऊ के इंतजाम को लेकर रियलटी चेक किया। टीम ने देखा कि इन प्लेस पर कहीं भी प्रशासन की तरफ से शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। इस भीषण गर्मी में लोग बोतल बंद पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझा रहे है। जबकि गर्मी से बचाव के लिए तमाम दावे किए गए।

टाइम : 12:35 प्लेस: टाउन हाल चौराहा

दोपहर में तेज हवा और सूर्य की किरणें आग उगल रही है। ऐसे में बचाव के लिए न तो कहीं प्याऊ की व्यवस्था है और न ही राहगीरो ंको कुछ देर तक छाव में रूकर ठहरने की। धूप से बचाव के लिए उन्हें दूकानों में आसरा लेना पड़ रहा है। कहीं पर भी शेड की व्यवस्था नहीं है।

टाइम : 12:40 प्लेस: शास्त्री चौक

शास्त्री चौक चार रास्तों को जोड़ती है। इस चौराहे से अधिकांश पब्लिक होकर गुजरती है। जबकि बगल में नगर निगम का सदन भवन भी है। लेकिन न तो पब्लिक के ठहराव की व्यवस्था है और न ही पेयजल की। ऐसे में प्रचंड गर्मी में राहगीरों का बुरा हाल है।

टाइम : 1:05 काली मंदिर

यहीं हाल काली मंदिर चौराहे का भी है। एक तरफ मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालु आते हैं तो दूसरी तरफ राहगीरों का भी आवागमन होता है। बावजूद इसके इन दिनों गर्मी ने सभी को बेहाल कर दिया है। पब्लिक प्लेस पर न तो ठहरने के लिए किसी प्रकार की सुविधा है न ही पेयजल की। ऐसे में हीट वेव से उन्हें कैसे बचाया जाए, एसी में बैठे जिमेेदार भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।

खूद कर लें उपाय

सैटडे को तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रहा। झुलसाती धूप के बीच तेज रफ्तार से चल रही गर्म हवा के चलते जनजीवन तार-तार रहा। लोग सूरज की तपिश व लू के थपेड़ों से बिलबिला उठे। लेकिन शहर के चौराहों और भीड़भाड़ इलाके में न तो पेयजल की व्यवस्था है और न ही ठहरने के लिए छांव। जबकि कुछ रोज पहले लू और हीट वेव से बचाव के लिए प्रमुख सचिव में सभी विभागों को गाइडलाइन जारी किया और पब्लिक प्लेस पर बचाव के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया। लेकिन सच तो यह है कि किसी भी जगह पर व्यवस्था नहीं है। चिलचिलाती धूप ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। सुबह दस बजे से गर्मी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया था। सूरज की आग उगलती किरणों को देख घरों से निकलने की हिम्मत न जुटा सके। खुद को लोगों ने घरों में कैद रखना मुनासिब समझा, जिनको मजबूरी में निकलना वह फुल आस्तीन की शर्ट पहनकर निकले। महिलाएं भी चेहरे व सिर को कपड़े से ढंके रहीं। गर्मी से बचाव के उपाय भी नाकाफी साबिहत हुए। इसी का नजीता रहा कि दोपहर 12-2 बजे से सड़कों पर लोगों पर आना जाना रहा। बावजूद इसके किसी भी चौराहों पर बचाव के इंतजाम नहीं नजर आए।

नहीं खुले प्याऊ

भीषण गर्मी ने पब्लिक को बेहाल कर रखा है। बावजूद इसके लिए जिला व नगर निगम प्रशासन ने राहगीरों के लिए कहीं भी प्याऊ या छाया के लिए शेड की व्यवस्था नहीं कराई है, जिससे राहगीरों को महंगे दामों पर पाउच खरीदकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर होना पड़ रहा है। न तो जिला प्रशासन के किसी अधिकारी की नजर इस पर गई न ही नगर निगम की।

कागजों में तैयारी

प्रमुख सचिव की तरफ से जारी गाइडलाइन सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह गया है। आर्थो वार्ड के बगल में बने हीट वेव वार्ड में एसी लगा दिया गया है लेकिन सभी बेड बेतरतीब रखे गए थे। न तो वहां दवाओं को रखने के लिए फ्रिज मिला और न ही एसी लगी खिड़कियों में शीशे लगाए गए थे। हवा के गर्म झोंके वार्ड मेंं आ रहे थे। नर्सिंग स्टेशन भी तैयार नहीं मिला। इतना ही नहीं वार्ड के इंचार्ज नर्सिंग ऑफिसर को तैयारी की कई चेक लिस्ट भी नहीं मिली। जबकि इस बार गर्मी अधिक पडऩे की आशंका है। साथ ही लोकसभा चुनाव भी है। ऐसे में हीट वेव के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है। एक दिन पूर्व एनएचएम के महाप्रबंधक ने जिला अस्पताल का जायजा लिया। जिसमें व्यवस्था का पोल खुल गई।

यह है गाइडलाइन

-सार्वजनिक स्थानों पर शीतल पेयजल की व्यवस्था

-पब्लिक को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने के लिए सावधान करें

- छायादार कार्यस्थलों का प्रबंध करें, स्थाई शेल्टर का निर्माण

-तापमान के अधिक होने पर कर्मियों की संख्या बढ़ाएं और कार्य की गति को धीमा करें

लू-हीट वेव के नियंत्रण के लिए अपील

-अधिक से अधिक पानी पीएं

-हल्के कपड़े पहने

-धूप के चश्में, छाता, टोपी व चप्पल का प्रयोग करें

-अगर खुले में काम कर रहे है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढकें

-यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ ले जाएं

-ओआरएस घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी सेवन करें

-नीबू, पानी छाछ आदि का इस्तेमाल करें

-हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैंप के लक्षणों जैसे कमजोरी चक्कर आना, सिरदर्द, पसीना आना, मुर्छा आना पहचानें

-परेशानी होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें

-पंखे, गीले कपड़ों आदि का इस्तेमाल करें

-कार्य स्थल पर ठंडे पाने का पानी रखें

-गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देने की जरूर है।

क्या करें

-बच्चों को खड़ी गाडिय़ों में न छोडें।

-दोपहर 12 से 03 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें

-गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें

-जब बाहर का तापमान अधिक हो तब कार्य न करें

-अधिक गर्मी वाले समय में खाना बनाने से बचें

-रसोई वाले स्थान को ठंडा करने के लिए दरवाजे तथा खिड़कियों को खोल दें।

-शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक आदि के इस्तेमाल करने से बचे।