गोरखपुर (ब्यूरो)।समय से पहले जन्म लिए नवजात, कम वजन वाले, पीलिया सहित अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित नवजातों को इलाज के लिए एसएनसीयू में रखा जाता है। इन नवजातों को केवल मां दूध पिलाने जाती है। लेकिन, अब माताओं को नवजातों के साथ रखा जाएगा। इससे नवजातों को मां की ममता भी मिलती रहेगी। इससे वह जल्दी स्वस्थ्य होंगे। इस पर विभाग का मंथन काफी समय से चल रहा था, जिस पर सहमति मिल गई है। माताओं के लिए बेड भी लगा दिया गया है। नवजात के साथ अब मां साथ में रहेंगी। डॉक्टरों का मानना है कि मां का स्पर्श नवजात के लिए सबसे अच्छा इलाज है। मां के स्पर्श से बीमार नवजात जल्दी ठीक होते हैं।

एसएनसीयू वार्ड का दायरा बढ़ा दिया गया है। 12 बेड एसएनसीयू में लगे हुए हैं। अब 12 बेड उनकी माताओं के लिए भी लगा दिए गए हैं। दोनों बेड के बीच में छह फीट की दूरी है। इस सुविधा के शुरू होने के बाद बच्चों के इलाज में आसानी होगी। साथ ही बच्चे मां के साथ रहकर जल्द ठीक भी होंगे।

- एनके श्रीवास्तव, एसआईसी महिला अस्पताल